देसी कीटनाशक बनाने का सबसे आसान तरीका, कई किसानों ने आजमाया

देसी कीटनाशक बनाने का सबसे आसान तरीका, कई किसानों ने आजमाया
फसलों में रासायनिक कीटनाशकों के इस्तेमाल और इससे होने वाले नुकसान के बारे में ग्रामीण न्यूज पहले भी आपकों कई आर्टिकल के माध्यम से अवगत कराता आया है। जैविक या देसी कीटनाशक रासायनिक कीटनाशकों के आगे काफी अच्छे और फसलों के लिए फायदेमंद होते हैं। ऐसे में बिहार के सुपौल जिले के किसानों ने इसी देसी कीटनाशकों की राह पर चलते हुए एक अनूठी पहल की है जिसके चलते वो खुद देसी कीटनाशक बनाकर उनका इस्तेमाल अपने खेतों में करते आ रहे हैं।
सुपौल जिले में कार्यरत स्वयंसेवी संस्था हेल्पेज इंडिया एवं अक्षयवट बुजुर्ग महासंघ के सहयोग से संस्कृत निर्मली और अड़राहा गांव के बुजुर्ग स्वयं सहायता समूह के किसानों ने इन कीटनाशकों को बनाना शुरू किया. कम लागत औऱ ज्यादा फायदा देखकर आस-पास के गांव के किसानों ने भी बुजुर्ग किसानों की राह पर चलते हुए देसी कीटनाशकों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।
ये भी पढ़ें- किसान आत्महत्या पर सरकार और विपक्ष का आमना-सामना
देसी कीटनाशक बनाने वाले एक किसान ने बताया कि, वो इसको बनाने की विधि बहुत आसान है.. दो किलो लहसून, दो किलो हरी मिर्च, दो किलो खैनी पत्ता और दो किलो नीम के पत्ते को कूट कर इसे 20 लीटर गौ मूत्र में करीब एक घंटे तक उबाला जाता है और इसकी मात्रा 20 से घटकर 12 लीटर रह जाती है तो इसे आंच पर से उतारकर दो दिन के लिए छोड़ दिया जाता है। दो दिन के बाद इसे छानकर फसल, फल या सब्जी में छिड़काव कर कर सकते हैं।
किसान ने बताया कि, 12 लीटर तैयार कीटनाशक से डेढ़ फूट से ऊपर की फसलों में तीन से चार एकड़ तक में छिड़काव कर सकते हैं। खास बात ये है कि देसी कीटनाशकों के इस्तेमाल से रासायनिक कीटनाशकों की तरह फसलों पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। जिस तरह रासायनिक कीटनाशक कई बार फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं उस तरह देसी कीटनशकों से फसलों पर कोई दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिलता है।
खेती-बाड़ी और किसानी से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें-
https://www.youtube.com/c/Greentvindia/videos
Positive And Inspiring Stories पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें-