5 लाख की स्प्रे मशीन की कीमत केवल 90 हजार रूपये, युवा किसान का नया इनोवेशन

5 लाख की स्प्रे मशीन की कीमत केवल 90 हजार रूपये, युवा किसान का नया इनोवेशन
हमारे देश के अन्नदाता की जितनी तारीफें की जाए उतनी कम है। सर्दी-गर्मी, धूप-छांव, बारिश-सूखा हर मौसम हर स्थिति में किसान अपने खेतों में डटकर खड़े रहते हैं। ताकि, देश का कोई भी इंसान भूखा ना रह पाए। किसान ही है जिसकी बदौलत हम और आप जैसे करोड़ों लोगों की थालियों में खाना है। खास बात ये है कि, इंसान चाहे कितनी ही पढ़ाई लिखाई क्यों ना कर ले, लेकिन जो जुगाड़, जो तकनीकें किसान बनाते हैं वो शायद ही कोई इंजीनियर भी इजाद कर पाए। ऐसी ही एक स्प्रे मशीन छत्तीसगढ़ के रहने वाले युवा किसान रितेश टांक ने बनाई है।
बता दें कि, रितेश टांक छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के ग्राम गनियारी के रहने वाले हैं। रितेश ने बीएससी एग्रीकल्चर से पढ़ाई पूरी की है। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद ही रितेश ने कृषि कार्यों से जुड़ना शुरू कर दिया था। वो हमेशा से अपनी पढ़ाई और दिमाग का इस्तेमाल किसानों की मदद के लिए करने के इच्छुक थे। उन्होंने अपनी मेहनत और अपने दिमाग से ही एक ऐसी स्प्रे मशीन को इजाद किया है। जिस तरह की ही दूसरी मशीन की कीमत बाजार में करीब 5 लाख रूपये है लेकिन रितेश टांक ने अपनी इस मशीन को केवल 90 हजार रूपये में तैयार करके सबको हैरान कर दिया है।
दरअसल, रितेश टांक को अपनी फसलों में लगे कीटों को खत्म करने के लिए दवाओं का छिड़काव करना काफी मुश्किल हो गया था। हर बार उन्हें अपने खेतों में मजदूर लगवाकर या फिर ट्रैक्टरों के जरिए कीटनाशकों का छिड़काव कराना पड़ता था। जिसमें रितेश का काफी ज्यादा खर्चा आता है। तो वहीं उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वो 5 लाख रूपये की महंगी मशीन खरीद सकें। ऐसे में उन्होंने खुद ही स्प्रे मशीन बनाने के बारे में सोचा और जुट गए काम में..
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रितेश टांका ने इस स्प्रे मशीन को बनाने में करीब डेढ़ साल का समय लिया। डेढ़ साल का समय और दिन रात की मेहनत के बाद उन्हें इस स्प्रे मशीन को बनाने में सफलता हासिल हुई। उन्होंने इस मशीन का नाम टेक्नोस मिनी 2.0 रखा है। जहां बाजार में इसी तरह की दूसरी मशीन की कीमत 5-6 लाख रूपये है तो वहीं रितेश ने इस स्प्रे मशीन को केवल 90 हजार में बनाकर तैयार कर दिया है। उनका दावा है कि, इस मशीन की चौड़ाई 22 इंच है जो कि, देश की सबसे कम चौड़ाई वाली स्प्रे मशीन है। इस मशीन की खास बात ये है कि छोटी होने के बावजूद ये जो दोनों ओर पांच से छह फीट की दूरी तक छिड़काव करती है।
हालांकि, इस स्प्रे मशीन को बनाने के बाद रितेश का आत्मविश्वास बढ़ गया और उन्होंने इस मशीन को बेचने के लिए एक छोटी फैक्ट्री की भी शुरूआत कर ड़ाली। खास बात ये है कि, रितेश की इस फैक्ट्री से वो 10 लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं। उनके इस स्टार्टअप का नाम उन्होंने काशहित इनोवेशन रखा है।
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इसे स्टार्टअप इंडिया और लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रम (एमएसएमई) के तहत पंजीकृत कराया है। इसके अलावा उन्होंने अपनी मशीन की कीमत इतनी रखी है कि, उनकी लागत और मेहनत निकल आए. आज किसान रितेश की इस स्प्रे मशीन की डिमांड देश के कई राज्यों में है। छत्तीसगढ़ के अलावा महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से भी रितेश टांका को उनकी इस मशीन के लिए ऑर्डर मिलते हैं।
बता दें कि, अभी तक वो 300 स्प्रे मशीनों को बाजार में बेच भी चुके हैं। रितेश की ही बनाई एक हैंड स्प्रे मशीन से एक मजदूर एक दिन में सात एकड़ फसलों पर कीटनाशकों का छिड़काव कर सकता है जबकि, वहीं दूसरी तरफ बाजारों में मिलने वाली इसी तरह की बाकी हैंड स्प्रे मशीनों ने एक मजदूर एक दिन में 1 एकड़ फसलों पर ही दवाओं का छिड़काव कर सकता है। आज उनकी बनाई मशीन की सहायता से किसान एक ही दिन में 7 एकड़ तक की फसलों पर आसानी से कीटनाशकों का छिड़काव कर पाते हैं।
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