इंजीनियरिंग करने के बाद गोपालक बने युवा किसान ब्रजेश

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार लाइव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ऐसे लोगों से बात करके उन्हें देश के सामने रखते हैं जो किसी ना किसी क्षेत्र में कोई अच्छा काम कर रहे हों। हाल ही में उन्होंने बिहार के मछली पालन व डेयरी उद्योग से जुड़े लोगों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की और बिहार के बरौनी के रहने वाले गोपालक ब्रजेश की तारीफों के पुल बांधे।
बता दें कि, 30 साल के ब्रजेश साल 2013 से गोपालन का काम करते आ रहे हैं। हैरानी की बात ये है कि, उन्होंने साल 2010 में अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की थी। मगर कुछ अलग करने की चाह उन्हें डेयरी व्यापार में खींच लाई। उन्होंने अपनी डेयरी की शुरूआत करीब दो दर्जन साहिवाल और जर्सी नस्ल की गाय से की थी।
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खास बात ये है कि, ब्रजेश शुरुआत में ही 130 लीटर दूध तैयार करने लगे थे। लेकिन जब उनका Experience इस क्षेत्र में बढ़ता गया तो वो राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड आणंद गुजरात के मार्ग दर्शन में अन्य किसानों को भी ट्रेनिंग देने लगे। इसके अलावा पिछले 3 सालों से गोपालक ब्रजेश खेती-बाड़ी भी करने लगे हैं। और किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए वर्मीकंपोस्ट तैयार कर रहे हैं।
उनका मानना है कि, किसानों को रासायनिक खेती से बचना चाहिए और पशुओं की अच्छी सेहत के लिए उनको खुले में रखना जरूरी है। ब्रजेश को साल 2018 में तत्काल केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के द्वारा भी पुरस्कृत किया जा चुका है।
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