केंद्र सरकार के फैसले से निराश गन्ना किसान

हाल ही में केंद्र सरकार ने गन्ना मूल्य के एफआरपी में 10 रूपये क्विंटल की बढ़ोत्तरी की है। जिसको लेकर गन्ना किसान काफी निराश हुए हैं। ऐसे में भारतीय किसान यूनियन ने केंद्र सरकार की इस बढ़ोत्तरी को गन्ना किसानों के साथ भद्दा मजाक बताया है। यूनियन के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक का कहना है कि, केंद्र सरकार के दस रुपये एफआरपी बढ़ाने के फैसले से भारतीय किसान यूनियन खुश नहीं है।
केंद्र सरकार ने दो साल बाद गन्ना के एफआरपी में दस रुपये की बढ़ोतरी करके इसे 285 रुपये किया है। जबकि, इस दौरान गन्ना किसान की एक क्विंटल गन्ना पर 50 रुपये लागत बढ़ चुकी है। इसके अलावा उन्होंने केंद्र सरकार से 10 रूपये बढ़ाने के पीछे का फार्मूला बताने की भी मांग की है। कि, आखिर किस आधार पर 2 सालों बाद गन्ना का एफआरपी केवल 10 रूपये बढ़ाया गया है। भाकियू ने मांग की है कि केंद्र सरकार गन्ने का एफआरपी गन्ना किसानो के ऊपर बढ़ रही लागत के हिसाब से 350 रुपये प्रति क्विंटल करे।
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