History of 21st July 2019-प्रतिभा पाटिल आज के दिन राष्ट्रपति बनी

History of 21st July 2019-प्रतिभा पाटिल आज के दिन राष्ट्रपति बनी
History of 21st July 2019-
आज ही के दिन साल 1930 में हिंदी सिनेमा के मशहूर गीतकार आनंद बख्शी का जन्म हुआ था. आपको बता दें कि आनंद, शुरूात में भारतीय नौसेना में काम करते थे, आनंद बख्शी ने शोले, आराधना और हरे कृष्णा हरे राम जैसी फिल्मों में गाने लिखे थे.
आज ही दिन साल 1906 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष व्योमेश चंद्र बनर्जी ने इंग्लैंड में दुनिया को अलविदा कहा था. आपको बता दें कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के साथ-साथ ये एक वकील भी थे. व्योमेश चंद्र शुरू से ही अंग्रेजों को बेहतर मानते थे, और इनका मानना था की अंग्रेजों का शासन हमारे देश के लिए काफी बेहतर है.
आज ही के दिन साल साल 1947 में भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी चेतन चौहान का जन्म हुआ था. आपको बता दें कि, चेतन चौहान ने भारतीय टीम के लिए कुल 40 टेस्ट मैच खेले हैं. इसके अलावा इन्हें भारत सरकार ने 2016 में NIFT का चेयरमैन बनाया है.
आज ही के दिन साल 1963 में काशी विद्यापीठ को विश्वविघायल के तौर पर दर्जा दिया गया था. आपको बता दें कि, इस विश्वविद्यालय में ग्रेजुऐशन से लेकर, पोस्ट ग्रेजुएशन एवं अनुसंधान स्तर की शिक्षा उपलब्ध है.
आज ही के दिन साल 1983 में अंटार्कटिका के वोस्टोक स्टेशन में धरती का सबसे कम तापमान -89 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. आपको बता दें कि, अंटार्कटिका पृथ्वी का सबसे ठंडा स्थान है. अंटार्कटिका विशाल वीरान बर्फीले रेगिस्तान है जहां सर्दियों के समय में यहां का तापमान -80 डिग्री सेल्सियस से लेकर -90 के बीच पहुंच जाता है…
आज ही के दिन साल 2007 में Harry Potter and The Deathly Hallows नाम की नॉवेल पब्लिश की गई थी. ये नॉवेल दुनिया में सबसे ज्यादा बिकने वाली नॉवेल मानी जाती है. आपको बता दें की पब्लिश होने के महज 24 घंटे के भीतर ही इसकी डेढ़ करोड़ कॉपियां बिक गई थी. हैरी पॉटर सीरीज के सातवें और आखिरी नॉवेल को दुनिया भर के 93 देशों में रिलीज किया गया था.
आज ही के दिन साल 2007 में भारत की पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल बनी थी. आपको बता दें कि, इनका कार्यकाल 2007 से लेकर 2012 तक चला. प्रतिभा पाटिल स्वतंत्र भारत के 60 साल के इतिहास में देश के सर्वोच्च पद तक पहुंचने वाली पहली महिला राष्ट्रपति हैं.
आज ही के दिन साल 2009 में भारतीय शास्त्रीय संगीत’ की प्रसिद्ध गायिका गंगूबाई हंगल ने दुनिया को अलविदा कहा था, आपको बता दें कि, गंगूबाई हंगल ने लिंग और जातीय बाधाओं को पार कर व भूख से लगातार लड़ाई करते हुए उच्च स्तर का संगीत दिया था. इनकी आत्मकथा ‘नन्ना बदुकिना हादु’ (मेरे जीवन का संगीत) शीर्षक से प्रकाशित हुई है.
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