Kisan bulletin 23rd April 2019- बदलते मौसम के मिजाज से चिंता में किसान

Kisan bulletin 23rd April 2019-
सुविधाएं कितनी भी हो लेकिन परेशानियां किसानों के पीछे लगी ही रहती हैं.. चाहें वो प्राकृतिक आपदाएं हो या फिर सरकार की अनदेखी.. हाल ही में अभी कुछ वक्त पहले ही बारिश और ओलावृष्टि की वजह से जहां किसानों का काफी नुकसान हुआ.. वहीं अब दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में समर्थन मूल्य पर चने की खरीद अभी तक शुरू नहीं होने से भी किसान काफी परेशान हैं.. किसानों की मजबूरी का आलम ये है कि, उन्हें मंड़ी में अपने चने की फसल को समर्थन मूल्य से भी कम पर बेंचना पड़ रहा हैं। दरअसल, इंदौर जिले के 25 हजार किसानों ने गेहूं के लिए और 15 हजार किसानों ने चने के लिए पंजीयन कराया है। साथ ही जिले में गेहूं के लिए 57 केंद्र खोले गए हैं, जबकि चने के लिए 10 केंद्र खोलने की तैयारी की जा रही है… लेकिन खरीदी केंद्र और वेयर हाउस की मैपिंग का काम अधूरा रहने से अब तक चने की खरीदी समर्थन मूल्य पर शुरू नहीं हो पाई है। जिसके चलते किसान मजबूरन अपना चना मंडी में बेच रहे हैं, जहां पर व्यापारी चने की खरीदी समर्थन मूल्य से कम मूल्य पर कर रहे हैं। इससे किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। आपको बता दें खरीद केंद्रो के अधिकारियों के अनुसार मैपिंग के काम को जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश की जा रही है, ताकि किसानों के खातों में आसानी से भुगतान हो सके।
उत्तर भारत में मौसम का मिजाज पल पल बदलता नजर आ रहा हैं.. कभी तेज धूप तो कभी बादल हो जाते हैं… बीते सोमवार को भी मौसम ने अपने कई रंग दिखाएं.. कहीं बूंदाबांदी हुई तो कहीं गर्मी से लोगों का बुरा हाल रहा.. खैर इन सबके बीच किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें छाई रहीं.. हालांकि, सबसे ज्यादा दिक्कत उन किसानों को हुई जिनकी गेहूं की फसल खेतों में तैयार खड़ी थी… मौसम के बदलते रंग देखकर किसानों ने तुंरत फसलों की कटाई करनी शुरु कर दी तो वहीं बूंदाबांदी को देखते हुए किसानों में अपने अनाज को घर लाने की सरगर्मी भी तेज रही. इस दौरान बहुत से किसानों की अध-पकी फसल किसानों की परेशानी का सबब बन रही है. ऐसे में जहां एक तरफ किसानों को अपने अनाज की चिंता सताए जा रही हैं वहीं खेतों में काम करने वाले मजदूरी की समस्या भी किसानों के लिए परेशानियों की वजह बनती जा रही है, तो दूसरी तरफ रोज बदलते मौसम के तेवर किसानों की मुसीबतों में इजाफा किए जा रही हैं.
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के बामनौली गांव में मलकपुर मिल के दो गन्ना क्रय केंद्रों पर एक हफ्ते से तौल नहीं चल रही है। तौल ना होने से नाराज किसानों ने सोमवार को बड़ौत-बुढ़ाना मार्ग पर जाम लगाकर जिला गन्ना अधिकारी का पुतला जलाया। किसानों के प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही पहुंचे सीओ रमाला और नायब तहसीलदार बड़ौत ने किसानों को समझाकर शांत किया। जिसके करीब दो घंटे बाद तौल शुरू होने पर किसानों ने जाम खोल दिया। दरअसल, किसानों ने बताया कि गांव में मलकपुर मिल के ए और सी गन्ना क्रय क्रेंद्रों पर एक सप्ताह से तौल बंद है। किसानों का गन्ना खेतों में ही सूख रहा है.. आपको बता दें कि, सोमवार सुबह छह बजे गन्ने से लदी बोगियां और ट्रैक्टर ट्राली लेकर किसान क्रय केंद्रों पर पहुंच गए थे। लेकिन जब आठ बजे तक भी तौल लिपिक नहीं आया तो किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। किसानों ने बड़ौत-बुढ़ाना मार्ग पर गन्ने से लदी ट्रैक्टर-ट्रालियां खड़ी कर जाम लगा दिया। किसानों ने जिला गन्ना अधिकारी संजय सिसौदिया से फोन पर शिकायत की। लेकिन डीसीओ ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। जिसके बाद नाराज किसानों ने डीसीओ के पुतले का दहन किया। जाम की सूचना पर पुलिस पहुंची और किसानों को समझाने की कोशिश की। लेकिन किसान नहीं माने। सूचना पर सीओ रमाला अनुज चौधरी और नायब तहसीलदार बड़ौत नसीम अहमद किसानों के बीच पहुंचे। नायब तहसीलदार ने तौल लिपिक सुभाष और विपिन कुमार को बुलाकर तौल शुरू कराई। दो घंटे बाद तौल शुरू होने पर किसानों ने जाम खोल दिया। किसानों ने चेतावनी दी है कि, कि अगर तौल बंद फिर से बंद की गई तो किसान इस बार बड़ा धरना प्रदर्शन करेंगे।
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