Kisan Bulletin 20th April 2019- एजेंसियों ने किया गेहूं खरीदी का बायकॉट

Kisan Bulletin 20th April 2019-
1. इस बार मानों मुसीबतें किसानों का पीछा छोड़ने का नाम ही नहीं ले रही हैं। 2 दिन हुई भारी बारिश के बाद जैसे ही मौसम साफ हुआ वैसे ही पंजाब के पटियाला जिले की खरीद एजेंसियों ने जिले भर में खरीद का बायकॉट रखा.. कोई भी खरीद अधिकारी मंडियों तक पहुंचा ही नहीं.. हालांकि, पहले तो किसानों और आढ़तियों को इस बायकॉट की भनक तक नहीं लगी.. लेकिन धीरे-धीरे जैसे ही किसानों ने खरीद एजेंसियों के प्रतिनिधियों से बात करना शुरू किया.. तो प्रतिनिधियों ने गेहूं में नमी होने की बात कहकर गेहूं खरीदने से इंकार कर दिया। खैर किसानों की मानें तो उनका कहना है कि, ये गेहूं बारिश से पहले काटी गई थी.. जिसे तिरपाल और शेड़ो में रखा गया था.. औऱ ये बताने के बावजूद भी किसानों के गेहूं को नहीं खरीदा गया.. जिसके बाद जिले में गेहूं खरीद को लेकर हाहाकार का माहौल मच गया.. और सबसे बड़ी हैरानी की बात तो ये हैं कि, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर का खुदका जिला होने के बावजूद भी जिले में अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई हैं..
2. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के पास मंडीदीप की अनाज मंडी में किसान कम दाम मिलने से परेशान हैं। ये हाल तब है, जब मंडी बोर्ड ने एक हफ्ते पहले ही ऐसी मुश्किलों से निपटने के लिए हर एक मंडी में एक उपसमिति बनाई है.. लेकिन मंडी में फसल लेकर पहुंचने वाले किसानों को सुविधाएं देने के दावों की पोल हर दिन खुल रही है। नई फसल की आवक के साथ समस्याएं भी सामने आने लगीं हैं। किसानों की सबसे बड़ी समस्या सरकारी दाम नहीं मिलने की है। किसानों को न तो प्रवेश रसीद दी जा रही और न ही नाप-तौल की रसीद दी जा रही है। ऐसे में राज्य की कई मंडियों में किसानों और व्यापारियों के बीच विवाद होने के मामले भी सामने आ रहे हैं… जिनमें से एक मामला विदिशा जिले की गंजबासौदा मंडी का है, जहां गुरुवार को बड़ा विवाद हो गया। व्यापारियों ने आरोप लगाया कि मंडी कर्मचारी किसानों के साथ साठगांठ कर हेराफेरी कर रहे हैं, जबकि किसानों का कहना है कि उन्हें तय दाम से कम कीमत दी जा रही है। तो वहीं, भोपाल की बैरसिया मंडी में भी व्यापारियों की मनमानी सामने आई है। बोली लगने से पहले ही किसानों से आढ़तिया ये बात करते हैं कि आठ दिन की उधारी पर अनाज दोगे तभी खरीदेंगे वरना नकदी में 3 फीसदी की कैश सब्सिडी कटेगी। एक लाख के माल पर तीन हजार कौन कटवाए, इसलिए 1740 रुपए के भाव पर उधारी में ही किसान अपनी फसल बेचने को मजबूर हैं।
3. हरियाणा के नरनौला की नई अनाज मंडी में किसानों को सरसों बेचने के लिए करीब 29 घंटे का इंतजार करना पड़ा। उन्हें रात मंडी में ही रात गुजारनी पड़ी। किसान बुधवार की सुबह छह बजे सरसों लेकर मंडी में आ गए थे लेकिन मौसम खराब होने के कारण खरीद नहीं हो सकी। वीरवार को सुबह 11 बजे से सरसों की खरीद कार्य शुरू हुआ। इस दौरान करीब आठ हजार बैग सरसों की खरीद हुई। दरअसल, तय शेड्यूल के अनुसार नीरपुर समेत अन्य चार गांवों के किसान सरसों लेकर बुधवार को मंडी पहुंचे थे। गेट पास बनाने के बाद ट्रैक्टर लेकर सरसों की खरीद का इंतजार करते रहे। उन्हें उम्मीद थी कि दोपहर में सरसों की खरीद हो जाएगी। लेकिन जगह न होने की वजह से सरसों की ढेरी नहीं लग सकी। और इतने में ही बारिश होने लगी। जिसके बाद शाम चार बजे एजेंसी ने सरसों खरीद करने से मना कर दिया। इससे सुबह से मंडी में बैठे किसानों का धैर्य जवाब दे गया और किसानों ने नारनौल-नांगल चौधरी रोड को जाम कर दिया था। इसके बाद एजेंसी ने उन्हें वीरवार की सुबह सरसों की खरीद करने की बात कहीं थी। इस वजह से करीब 100 से ज्यादा किसानों को मंडी में ही रात गुजारनी पड़ी। हालांकि, प्रशासन की योजना है कि इस बार रविवार को भी मंडी में सरसों की खरीद की जाए। लेकिन आपको बता दे कि, अभी तक इस पर कोई पक्का फैसला नहीं हुआ है।
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