जैविक खेती करने पर झारखण्ड सरकार देगी किसानों को अनुदान

जैविक खेती करने पर झारखण्ड सरकार देगी किसानों को अनुदान
लगातार बढ़ते कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग से होते नुक्सान को देखते हुए किसान जैविक खेती कि और रुख कर रहे हैं। भारत में पुराने समय से ही जैविक खेती होती आई है। महाभारत काल से लेकर आजादी के बाद तक देश में जैविक खेती होती आई है। लेकिन जैसे-जैसे समय बदलता गया उसी प्रकार चीजे भी बदलने लगी। फसल उत्पान को बढ़ाने कि आवश्यकता हुई तो किसानों ने कृषि रसायनों और उर्वरको का इस्तेमाल बड़े स्तर पर करना शुरू कर दिया। अब इसके नुकसान को देखते हुए किसान लगातार कृषि रसायनों और उर्वरको का प्रयोग कम करने लगे हैं और फिर से जैविक खेती कि और वापस लौटने कि राह देख रहे हैं। वहीं सरकार भी देश में जैविक खेती को बढ़ावा दे रही है।
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किसानों को जैविक खेती करने पर मिलेगा अनुदान
जैविक खेती के लिए सरकार किसानों को लगातार प्रेरित कर रही है। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही मिलकर कई योजनाएं चला रहीं हैं। ताकि अधिक से अधिक किसानों को जैविक खेती से जोड़ा जा सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं जैविक खेती करने पर जोर दे चुके हैं। जैविक खेती करने के लिए सरकार द्वारा किसानों को अनुदान भी दिया जा रहा है। बात झारखण्ड की करें तो मलत: आदिवासी बहुल यह राज्य खेती को प्राकृतिक तरीको अपनाता आ रहा है। लेकिन राज्य सरकार अब राज्य में किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रेरित कर रही है। हाल ही में हुई कैबिनेट मीटिंग में निर्णय लिया गया कि राज्य के किसानों को जैविक खेती करने पर अनुदान दिया जायेगा।
इसके लिए राज्य में जैविक खेती करने वाले किसानों को सरकार 30,000 रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से अनुदान देगी। कैबिनेट ने जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय वर्ष 2019-20 से राज्य की 30,000 हेक्टेयर भूमि पर त्रिवर्षीय जैविक खेती के प्रमाणीकरण की योजना लागू करने का निर्णय लिया है। जिसके तहत शत-प्रतिशत अनुदान पर तीन वर्षों में प्रति हेक्टेयर 30,000 रुपये खर्च किये जायेंगे।
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तीन साल की खेती के बाद जमीन का होगा प्रमाणीकरण
झारखंड की सरकार अपनी इस महत्वकांक्षी योजना को सूबे के सभी जिलों में लागू करनेवाली है। इस योजना के अंतर्गत 25,000 से 30,000 किसान सीधे लाभान्वित होंगे। कैबिनेट ने वर्ष 2019-20, 2020-21 व 2021-22 में 100 करोड़ की लागत पर योजना की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है। चालू वित्तीय वर्ष में योजना पर 35 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे। जिससे कि जैविक खेती करने के इच्छुक किसानों को इस योजना का सीधा लाभ मिल सके। इसी तरह से किसानों को यह अनुदान 3 वर्षों तक दिया जायेगा। तीन वर्षों के बाद जिस भूमि पर जैविक खेती कर रहे हैं उसको जैविक खेती का प्रमाणीकरण मिल जाता है। इससे राज्य के किसानों की आय में भी इजाफा होने की बात कही जा रही है।
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