बिगड़ सकती है पूरे उत्तर भारत की फिजा, ईरान-पाकिस्तान के रास्ते दस्तक देने वाली है ‘मुसीबत’

बिगड़ सकती है पूरे उत्तर भारत की फिजा, ईरान-पाकिस्तान के रास्ते दस्तक देने वाली है ‘मुसीबत’
अक्टूबर का महीने हमेशा से अपनी नरमी के लिए पहचाना जाता है. ऐसा माना जाता है अक्टूब के महीने में ठंड दस्तक देना शुरू कर देती है. इन दिनों भी हल्की ठंड का अहसाल लोगों को शुरू होने लगा है. हालांकि यह स्थिति ज्यादा दिन तक नहीं रहेगी. क्योंकि मौसम विभाग की मानें तो अगले कुछ दिनों में दिल्ली के साथ-साथ उत्तर भारत के कई राज्यों में अंधड़ चलने की आशंका जाहिर की है. अरब सागर से उठने वाली ये हवाएं चक्रवात का रूप लेने वाली हैं. जिसकी वजह से दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में आसमान में दिन में भी अंधेरा छाया रहने का अनुमान है. जिसका असर धरती पर भी पड़ने वाला है.
इसके अलावा पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने भी अपनी तरफ से जानकारी देते हुए बताया कि, इस समय एंटी साइक्लोन लक्ष्यदीप में है और ईरान और पाकिस्तान के बाद पूरे उत्तर भारत में आयेगा. ईपीसीए ने सक्रियता जाहिर करते हुए इसकी जानकारी पर्यावरण मंत्रालय और मौसम विभाग को दी है. जिसको गंभीरता से लेते हुए सभी महकमें बैठक कर सकती हैं. जिसमें इसके प्रभाव की भी चर्चा होगी. ईपीसीए की सदस्य और चर्चित पर्यावरणविद् सुनीता नारायण ने कहा कि, इस धूल भरी आंधी से निपटने के लिए हमें उचित कदम उठाने होगें. हालांकि उन्होंने कहा कि पहले मंत्रालय की अनुमति मिलनी जरूरी है. तभी हम बेहतर कदम उठा पायेंगे.
इसके अलावा मौसम विभाग ने बताया कि, अंधड़ भरी आंधी भारत में लगभग 10 अक्टूबर तक पहुंचने वाला है. इसके अलावा इसका प्रभाव लगभग एक हफ्ते तक रहने का अनुमान है. वहीं, ईपीसीए ने जानकारी देते हुए बताया कि, बंगाल की खाड़ी से उठने वाला लो प्रेशर सिस्टम इंडो-गंगा के मैदानी इलाकों में बनेगा. जिसके बाद दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में हवा में हवा में प्रदूषण बढ़ेगा.
वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि, मौसम में इस तरह का बदलाव अक्टूबर के शरुआती दिनों में ही दिखाई देने लगेगा. जिससे दिल्ली-एनसीआर की हवा प्रदूषित हो जायेगी. जिसकी वजह से लोगों को भारी मुश्किलें हो सकती हैं. शुरुआती दिनों में प्रदूषण के कम होने के अनुमान है लेकिन बढ़ते दिनों में प्रदूषण के गहराने का अनुमान है. वहीं विशेषज्ञों ने कहा कि, अगर जल्द ही सरकार की तरफ से उचित कदम नहीं उठाया गया तो दिल्ली फिर से गैस चैंबर बन सकती है.
वहीं धान की कटाई का सिलसिला भी जोर पकड़ने वाली है. जिसकी वजह से ये समस्या और गहरा सकती है. क्योंकि पराली के जलाने से भी पिछले कई सालों से दिल्ली स्मॉग की समस्या से जूझ रही है. बीते साल भी पराली जलाने की वजह से पूरी दिल्ली में स्मॉग की समस्या ने दिल्ली के लोगों के लिए काफी मुश्किलें प्राब्लम की थी.
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