पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने पकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक की। बालाकोट में एयरस्ट्राइक के बाद जब सोशल मीडिया में में ऐसा दावा किया जाने लगा कि इस हमले में 250 से ज़्यादा आतंकी मारे गए हैं। हर तरफ पीएम मोदी की वाहवाही होने लगी तो विपक्ष ने कहा कि बीजेपी या पीएम मोदी क्यों इस मामले में खुद को हीरो बना रहे हैं जबकि ये काम तो वायुसेना ने किया है मगर कुछ ही दिनों में विपक्ष बीजेपी का विरोध करते करते इतना गिर गया कि वायुसेना के द्वारा किए गए हमले पर ही सवाल उठाने लगा।
चाहे वो ममता बनर्जी हो या कपिल सिब्बल या हो दिग्विजय सिंह हर कोई आतंकियों की लाशें मांगने लगा और सवाल उठाने लगा कि आतंकी कितने मारे गए हैं उसकी गिनती बताए। खुद इस मामले को बिगड़ता देख वायुसेना प्रमुख को भी सामने आना पड़ा कि उनका काम एयर स्ट्राइक करना है ना कि आतंकियों की लाशें गिनना।
मगर फिर भी मोदी विरोध में विपक्ष इतना गिर गया देश विरोधी ही बाते करने लगा। वायुसेना का काम आतंकियों के ठिकानों को तबाह करना था ना कि कितने आतंकी मरे हैं उनकी लाशें गिनना। वायुसेना ने पुलवामा हमले का बदला लिया पकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकियों के ठिकानों को तबाह किया क्या ये उन लोगों के लिए काफी नहीं है जो आतंकियों की लाशें मांग रहे हैं और सेना की कार्यवाई पर ही सवाल खड़ा कर रहे हैं।
इस मामले में अब पकिस्तान के पीएम इमरान को तो अपने देश को जवाब देना ही नहीं पड़ा क्योंकि वो काम तो हमारे देश में बैठे कुछ बुद्धिजीवियों ने ही कर दिया जिनके बयान पाकिस्तानी मीडिया चलाए जा रहे हैं कि भारत की एयरस्ट्राइक फर्जी थी इसमें पकिस्तान को कोई भी नुक्सान नहीं हुआ है। खैर अभी इस बात की पुष्टि तो नहीं हो पाई है कि बालाकोट में कितने आतंकी मरे हां लेकिन कुछ ऐसे सबूत हैं जो इस ओर इशारा जरूर करते हैं।
1. नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन के सर्विलांस से खुलासा हुआ कि जब बालाकोट में भारतीय वायुसेना ने एयर स्ट्राइक की, उस समय वहां पर 280 से ज्यादा मोबाइल एक्टिव थे।
2. वायुसेना ने एयरस्ट्राइक में बयान दिया कि हमें जो टारगेट मिला था, हमने उसे ध्वस्त किया है। वायुसेना का मिशन 100 फीसदी सफल रहा है। तो ऐसे में ऐसा कैसे हो सकता है कि इतने बड़े हमले में बालकोट में एक भी मौत ना हुई हो ?
3. बालाकोट में जिस जगह कार्रवाई की गई वहां पर जैश-ए-मोहम्मद का मदरसा था। मदरसा तालीम-उल-कुरान के छात्र ने इस बात की पुष्टि भी की थी कि 26 फरवरी की सुबह वहां पर धमाके हुए थे, जिसके बाद पाकिस्तानी सेना ने उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया था।
4. एयरस्ट्राइक के बाद जब हर कोई सबूत ढूंढ रहा था तब कुछ पाकिस्तानी यूजर्स ने ट्विटर पर लिखा था कि 26 फरवरी के बाद उन्होंने बालाकोट में 10 एम्बुलेंस भी देखे थे।
5. न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स ने भी दावा किया था कि कई स्थानीय निवासियों ने इस बात की पुष्टि की थी उस मदरसे में जैश का आतंकी अड्डा है और भारतीय वायुसेना ने उन्हें निशाना बनाया। इस दौरान उन्हें बम धमाकों की आवाज़ भी सुनाई दी थी।
6. पाकिस्तानी मीडिया ने भी अपनी कई रिपोर्ट्स में इस बात का दावा किया है कि बालाकोट में भारतीय वायुसेना ने कार्रवाई की। हालांकि, उनकी मीडिया ने हर बार ये ही बताया कि वहां अधिक नुकसान नहीं हुआ है।
7. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स ने स्थानीय निवासियों के हवाले से बताया था कि भारत की एयरस्ट्राइक के बाद पास के ही सैन्य अस्पताल और एबटाबाद के अस्पतालों में कई बेड रिजर्व कर दिए गए थे। हालांकि, किसी भी सरकारी पक्ष ने इस बात की पुष्टि करने से इनकार किया था।
8. पाकिस्तानी सेना ने एयरस्ट्राइक के ठीक बाद वर्ल्ड मीडिया को बालाकोट ले जाने का न्योता दिया था. लेकिन ये भी कहा था कि वह तुरंत नहीं बल्कि एक दिन बाद ले जाएंगे. जाहिर है कि सेना वहां से सबूत मिटाना चाहती थी. इसके अलावा जब मीडिया को जाने दिया तो मदरसे के क्षेत्र से काफी दूर तक ही जाने दिया गया.
9. एयरस्ट्राइक के बाद जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर का एक ऑडियो सामने आया था. जिसमें उसने इस बात को कबूला था कि भारत के हमले में उनका बड़ा अड्डा तबाह हुआ है. हालांकि जो इस बात की पुष्टि करता है कि भारत के हमले से आतंकी सिहर गए हैं.
10. पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र में भारत के खिलाफ बालाकोट में पेड़ों को नुकसान पहुंचाने को लेकर कार्रवाई कर रहा है। बता दें कि जैश का अड्डा जंगलों में था, जाहिर है कि अगर अड्डों पर हवाई हमले हुए थे तो वहां मौजूद पेड़ों पर भी असर हुआ ही था।
तो ये सारे सबूत ये बताने के लिए काफ़ी हैं कि बालकोट हमले में आतंकी मरे भी हैं और पकिस्तान को नुक्सान भी हुआ है और सबसे बड़ा सबूत तो है हमारी वायुसेना जिसने खुद एयरस्ट्राइक की है क्या वो किसी सबूत से कम है क्या ? ना जाने विपक्ष सबूत मांग कर आखिर हासिल क्या करना चाहता है शायद यही कि एयर स्ट्राइक से पकिस्तान को ख़ास नुक्सान नहीं हुआ और ये पीएम मोदी की सबसे बड़ी नाकामी है लेकिन विपक्ष ये भूल रहा है कि ऐसा करके वो अपनी ही सेना की करवाई पर भी सवाल उठा रहा है और पकिस्तान को भी खूब खुश कर रहा है।