भटक रहे बेसाहरा पक्षियों के लिए कई लोग मिलकर बना रहें हैं घर

हम हर दिन अपने घरों में पक्षियों को देखते हैं लेकिन वो पक्षी कहां रहें हैं यह कोई जानता हैं… जहां हम रह रहें हैं वहां आप भी जानते हैं की जंगल खत्म ही हो गए हैं… जगल खत्म होंने की वजह से पेड़-पौधे भी काटे जा रहें हैं… आप या हम जो पेड़ लगाते हैं उन पर पक्षी रह नही पाते हैं… उनकों एक बड़े पेड़ की जरुरत होती हैं… जंगल कटने से पक्षी मर रहें हैं जो बचे हैं वो अपने रहने का ठिकाना ढुंढ रहें हैं… पेड़ पौधे कटने से बेसाहरा हो रहें पक्षी के लिए कई लोग सहारा बनने के लिए आगे आए हैं…. जी हां बिल्कुल सही सुना अपने कई लोग ऐसे हैं जो इन बेसाहरा पक्षियों को घर दे रहें हैं… और कैसे दे रहें हैं आइए आपको बताते हैं…
दरअसल ग्रेटर नोएडा के रहने वाले विक्रांत तोंगड़ अपनी संस्था और कुछ लोगों के साथ मिलकर सूरजपुर वेटलैंड के आसपास पेड़ों के कटने से परेशान पक्षियों के लिए घोंसले तैयार कर रहे हैं… यह वो ही घोसले हैं जिनमें पक्षी रहते हैं… और इन घोसलों को पक्षी खुद समान इक्कट्टा करके जंगल में लगें पेड़ पर बनाते हैं… लेकिन जंगल तो अब हैं इसलिए पक्षी अपना घोसला ज्यादा नही बना पाते हैं… और वो कही भी किसी के भी घर में अपना ठिकाना बना लेते हैं… लेकिन घर में बनाए हुए पक्षी के घरों से लोगों को परेशानी होने लगती हैं या तो यही पक्षी किसी जानवर हैं लंच या डिनर बन जाते हैं…. पक्षियों को बचाने के लिए ही यह लोग उनके लिए खुद अपने हाथो से घोसला बना रहें हैं…
विक्रांत तोंगड़ अपनी इस मुहीम को वर्ल्ड हाउस मेकिंग नाम दिया है, जिसके तहत वे अब तक 100 से अधिक घोंसले बनाकर जंगल एरिया में पक्षियों को जगह दे चुके हैं। विक्रांत तोंगड़ ने बताया कि आज जहां प्रदूषण से वातावरण खराब हो रहा है, वहीं जंगल इलाकों में बड़ी-बड़ी इमारतें नजर आ रही हैं। ऐसे में पेड़-पौधों के कटने से न सिर्फ परिंदों के लिए जगह खत्म हो रही हैं, बल्कि उनकी जान भी खतरे में है। उन्होंने बताया कि सोशल ऐक्शन फॉर फॉरेस्ट ऐंड इन्वाइरन्मेंट के माध्यम से नेचर वॉक कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम में आईटी, बैंक आदि सेक्टरों के युवा काफी संख्या में हिस्सा ले रहे हैं। नेचर वॉक का एक हिस्सा वर्ल्ड हाउस मेकिंग भी है।
उन्होंने बताया कि वर्ल्ड हाउस मेकिंग अभियान के तहत उनकी संस्था लोगों को एकजुट कर उन्हें सूरजपुर वेटलैंड में घुमाते हैं। इस दौरान पक्षियों के लिए घास-फूस के आशियाना बनाकर वेटलैंड में टांगते हैं। कुछ लोग अपने ऐसे घोंसले अपने घर पर भी लगा रहे हैं, जिससे पक्षियों को आशियाना मिल सके। वे दिल्ली-एनसीआर के लोगों को जागरूक कर उन्हें पक्षियों के लिए हाउस मेकिंग कार्य से जोड़ रहे हैं। वे सूरजपुर वेटलैंड में जगह-जगह करीब 100 से अधिक घोंसले लगा चुके हैं। साथ ही लोगों को घोंसले बनाकर अपने घरों में टांगने की अपील भी कर रहे हैं… ऐसा करने से शायद अपकों खुशी भी होगी औप एक बेसाहरा पक्षी को उसका रहने का घर भी मिल पाएगा.. जरुरी नही हैं की आप किसी संस्था से जुड़े बिना जुड़े भी आप उन्हें घर दे सकते हैं…..