October 1, 2023

Grameen News

True Voice Of Rural India

बाप-बेटे की जोड़ी ने देश बढ़ रहे प्रदूषण को रोकने के लिए किया ऐसा काम,  आप भी पढ़ेंगे तो रह जाएंगे हैरान

प्रदूषण
Sharing is Caring!

प्लास्टिक जलाने से देश में प्रदूषण फैल रहा था, जिसके बाद देश में प्लस्टिक को पोलोटिन, बेग सब बंद कर दिए थें, पर फिर भी कई जगह प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जा रहा था, एक पिता और उसके बेटे ने एक ऐसी मशीन बनाई जिसमें प्लास्टिक का कचरा रीसाइकल हो जाएगा. यह पिता और बेटे मणिपुर की राजधानी इंफाल में रहने वाले है, बाप-बेटे की एक जोड़ी आम लोगों के घरों के प्लास्टिक कचरे को रीसाइकल करने का काम कर रही, यह दोनो बाप-बेटे एक रीसाइकलिंग प्रोग्राम की अगुवाई करके एक कंपनी चला रहे हैं. पिता का नाम सडोक्पम इतोंबी सिंह है और बेटे का नाम सडोक्पम गुनाकांता है

इतोंबी ने कंप्यूटर ऐप्लिकेशंस में ग्रैजुएशन कि है, उनका मानना है कि प्लास्टिक हमारे ईको-सिस्टम के लिए खतरा है और प्राकृतिक माहौल को भी बिगाड़ता है, जिससे पौधों, जीव-जंतुओं के साथ-साथ मानव समाज को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसलिए वह अपने पिता के साथ मिलकर मणिपुर को एक सुरक्षित और अच्छे माहौल वाला शहर राज्य बनाना चाहते हैं।

साल 2007 में इतोंबी ने प्लास्टिक इंडस्ट्रीज नाम से एक कंपनी शुरु की. जो आसपास के इलाके से निकलने वाले प्लास्टिक कचरे को रीसाइकल करने का काम करती है। इससे पहले 90 के दशक में यहां 65 वर्षीय गुनकांता भी इस तरह का छोटा सा काम कर रहे थे। वह पहले प्लास्टिक की बोतलें इकट्ठा करते और उन्हें दिल्ली और गुवाहाटी के प्लास्टिक रीसाइकल प्लांट्स में भेजते थे।

साल 2010 में नई मशीनें आने के बाद प्लास्टिक कचरे से पाइप, टब और इसी तरह के कई सारे प्लास्टिक आइटम बनाए जाने लगे। मणिपुर में ही 120 प्रकार के प्लास्टिक की पहचान हुई है। इसमें 30 ऐसे हैं, जिन्हें मणिपुर में ही रीसाइकल किया जाता है और बाकी को गुवाहाटी और दिल्ली भेजा जाता है।

साथ ही गुनाकांता कहते हैं, ‘प्लास्टिक को रीसाइकल किया जा सकता है। हमें इस तरह के कचरे को रीसाइकल करने के प्रति सतर्क और जागरूक रहना होगा, और हमारे पानी के स्रोतों और अन्य जगहों को प्रदूषित होने से बचाना चाहिए।’

यह दोनो बाप बेटे प्लास्टिक को रीसाइकल करने की कंपनी तो चला ही रहें है, साथ ही अपनी कंपनी में बरोजगार को काम दे रहें है, इनकी कंपनी में 35 रेग्युलर स्टाफ और 6 लोग प्रतिदिन मजदूरी करने वाले हैं। 1.5 लाख रुपये की लागत से शुरू हुई इस कंपनी का मौजूदा सालाना टर्नओवर 1.2 करोड़ रुपये है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © Rural News Network Pvt Ltd | Newsphere by AF themes.