बलजीत सिंह ने नही ली 20साल से एक भी छुट्टी.. कर रहें हैं नॉनस्टॉप काम

लंबे समय तक आप हम नॉनस्टॉप ड्यूटी पर नही जा सकते। और वहीं अगर पुलिसकर्मी की बात करें तो कुछ पुलिसकर्मियों ने तो छुट्टी के लिए पीएम से गुहार तक लागा दी हैं। लेकिन दिल्ली पुलिस मेंबलजीत सिंह ऐसे सिपाही हैं जो 20साल से नॉनस्टॉप ड्यूटी पर आ रहें हैं। और बलजीत सिंह को दिल्ली पुलिक के इंसनी रोबॉट कहा जा रहा हैं।
दिल्ली पुलिस के ये अजूबे एनबीटी के 66साल के बलजीत सिंह राणा हैं। बलजीत सिंह राणा ने 1 सितंबर 1998 से अब तक कोई अर्न लीव, आकस्मिक लीव, मेडिकल लीव नहीं ली है। उन्होंने शनिवार-रविवार दिल्ली पुलिस से मिलने वाला वीकऑफ भी नहीं लिया है।
यह सब वह फ्री में कर रहे हैं। इस इंसानी रोबोट के ‘ड्यूटी डे’ की गणना करें तो 1998 से आजतक 7,बलजीत सिंह राणा की 1972 में सिपाही पद पर भर्ती हुई थी। उन्होंने 40साल से नौकरी करनी शुरु कर दी थी। और वे 4साल राष्ट्रपति भवन पर तैनात रहें थे। और उसके बाद वे 36 साल वह पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने में एक दफ्तर में डिप्लॉयमेंट सेल इंचार्ज के पद पर रहकर 2012 में रिटायर हो गए। लेकिन उसके बाद भी उनको 2132 दिन हो चुके हैं। लेकिन फिर भी उनकी ड्यूटी अभी भी चल रही है।
बलजीत सिंह राणा कभी अपनी नौकरी नही छोड़ना चाहते वे आज भी ऐसे ही काम करना चाहते जैसे वे पहले किया करते थे।बलजीत सिंह राणा को 2001 और 2012 में राष्ट्रपति मेडल, 2015 में दिल्ली पुलिस का एक्सीलेंस अवॉर्ड मिल चुका है। उन्हें कई विदेशी सम्मान भी मिले हैं।
14 अगस्त 1952 को जन्मे राणा हरियाणा के सोनीपत के कुंडल गांव से आते हैं। उनके छोटे भाई जगदीश सिंह राणा भी दिल्ली पुलिस में सब-इंस्पेक्टर थे। बलजीत शुरुआती पढ़ाई पूरी करके दिल्ली घूमने आए थे। पता चला कि किंग्सवे कैंप में पुलिस की भर्ती हो रही है। वे सिपाही में भर्ती हो गए।
इस उम्र में भी बलजीत फिट हैं। रोजाना सुबह 5 किमी. दौड़ते हैं। फिर योग। बलजीत का दावा है कि आजतक वह कभी बीमार नहीं पड़े। इसकी वजह योग और खानपान को बताते हैं। ब्रेकफास्ट में अंजीर, किसमिस, बादाम, अखरोट के अलावा 2 रोटी और दाल खाते हैं। लंच में एक लीटर छाछ या दही और रात में फल।