History of 5th July: पी. वी. सिंधु का जन्म हुआ

History of 5th July: पी. वी. सिंधु का जन्म हुआ
History of 5th July-
- 5 जुलाई 1946 में आज ही के दिन Louise reard बिकनी का आविष्कार किया था, जिसके बाद से आज ही के दिन हर साल बिकिनी दिवस मनाया जाने लगा। हालांकि, आपको बता दें कि, लुईस कोई फैशन डिजाइनर नहीं, बल्कि वो तो मूल रूप से फ्रांस के एक इंजीनियर थे।
- 1687 में आज ही के दिन सर आइजैक न्यूटन ने अपनी किताब प्रिन्सिया मेंथेमैटिक प्रकाशित की थी, इसी किताब के जरिए उन्होने दुनिया को laws of motion से रूबरू करवाया था, इस किताब मे मौजूद लॉ हमें किसी वस्तु पर फोर्स और उस पर पडने वाले प्रभाव के बारे मे बताते हैं।
- 1882 में आज ही के दिन इनायत खां का वडोदरा में जन्म हुआ था, इनकी खास बात यह है कि इन्हे हैदराबाद के निजाम ने इनायत को तानसेन की उपाधि से सम्मानित किया था।
- 1954 में आज ही के दिन बीबीसी का पहला टेलीविज़न प्रसारण शुरू हुआ था, इसकी अवधि 20 मिनट थी और इसे पहले से बनाकर तैयार किया गया था. उस दौरान बनाये गए प्रोग्राम में कभी कभी कुछ दिन पुरानी खबरे भी ली जाती थी।
- 1975 में आज ही के दिन अफ्रीकी अमेरिकी खिलाड़ी ‘आर्थर ऐश ‘ विंबलडन का सिंगल्स खिताब जीतने वाले पहले अश्वेत पुरुष खिलाडी बने थे, विंबलडन की जीत के बाद ही वो विश्व में टेनिस के वरियता क्रम में शीर्ष पर पहुंच गए थे।
- 1977 में आज ही के दिन पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल ‘जियाउल हक ‘ ने सैन्य तख्तापलट करते हुए पकिस्तान के प्रधानमंत्री जुल्फेकार अली भुट्टो की गद्दी छीन ली थी, और खुद पाकिस्तान के तानाशाह बन गए थे। उन्होंने भुट्टो पर हत्या और देशद्रोह जैसा आरोप लगाकर उन्हें सन 1979 में फांसी पर चढ़ा दिया था. आपको बता दें की 1947 से लेकर अब तक पाकिस्तान में तीन बार तख्तापलट हो चुका है।
- 1995 में आज ही के दिन भारत की प्रसिद्ध बैडमिंटन खिलाडी पी. वी. सिंधु का जन्म हुआ था, इनका पूरा नाम पुसरला वेंकेट सिंधु है वे भारत की और से ओलम्पिक खेलों मे महिला एकल बैडमिंटन का रजत पदक जितने वाली पहले खिलाडी है. इससे पहले वे भारत की नेशनल चैंपियन भी रहे चुकी है. 2013 में सिंधु को अर्जुन पुरस्कार, 2014 में FICCI का महत्वपूर्ण खिलाडी सम्मान तथा 2015 में सिंधु को भारत का चौथा सर्वोच्च सम्मान पद्मश्री भी प्राप्त हुआ था।
- 1996 में आज ही के दिन पहली ऐसी mammal का जन्म हुआ था जिसे क्लोनिंग की मदद से तैयार किया गया था. ये एक भेड़ थी जिसे डॉली नाम दिया गया था. स्कॉटलैंड के रोसलिन संस्थान ने ये करिश्मा किया था. फरवरी 2003 में डॉली की मौत हो गयी. अपने छः साल के जीवनकाल में डॉली ने 6 बच्चो को जन्म भी दिया। डॉली की उत्पत्ति तीन भेड़ो की मदद से हुई थी. एक का अंडा, दूसरी का डीएनए और तीसरी के गर्भ को डॉली के लिए इस्तेमाल किया गया था।
- 2016 में आज ही के दिन नासा का यान “जूनो” बृहस्पति की ऑर्बिट में पहुंचने वाला यान बना था, इसने 5 वर्षो में करीब 280 करोड़ किलोमीटर का सफर तय कर यह मुकाम हासिल किया था।
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