भारतीय एवं विश्व इतिहास में 31 अगस्त का अपना ही एक खास महत्व है। इस दिन कई ऐसी घटनाएं घटी जो इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज होकर रह गईं हैं। भारतीय एवं विश्व इतिहास में 31 अगस्त की प्रमुख घटनाएं इस प्रकार हैं।
आज 31 अगस्त 1980 के दिन पोलैंड की कम्युनिस्ट सरकार को मज़दूरों की मांगों के आगे झुकना पड़ा था। इन मजदूरों का नेतृत्व लेक वेलेसा नाम के एक मजदूर नेता ने किया था। बता दें कि पोलैंड सरकार ने वस्तुओं के दामों में भारी इजाफा कर दिया था, जबकि मज़दूरों के मेहनताने में कोई वृद्धि नहीं की गई थी। इसलिए करीब 17,000 मज़दूर भी हड़ताल पर बैठ गए थे। जिससे बाद में सरकार को झुकना पड़ा था।
आज यानि 31 अगस्त 1886 के दिन दक्षिणी कैरोलीना के चार्ल्सटन शहर में भूकंप आया था। इस भूकंप ने ज्यादातर इमारतों को नष्ट कर दिया और करीब 100 लोगों की इस भूकंप में मौत हो गई थी। ये भूकंप इतना तीव्र था कि इसके झटके बोस्टन और शिकागो से लेकर क्यूबा तक महसूस किए गए थे। अनुमान लगाया गया था कि इस भूकंप की वजह से करीब 14,000 चिमनियां गिर गईं थी। वहीं करीब 5.5 मिलियन डॉलर की संपत्ति इस भूकंप की वजह से नष्ट हो गई थी।
आज 31 अगस्त 1897 के दिन थॉमस एडिसन ने कीनेटोग्राफ को अपने नाम से पेटेंट करवा लिया था। ये एक प्रकार का फिल्म कैमरा था। इसका आविष्कार एडिसन ने 1890 में किया था। कीनेटोग्राफ में सेलुलोइड से बनी फिल्म का प्रयोग होता था। इस फिल्म का अविष्कार जॉर्ज ईस्टमैन ने 1889 में किया था।
31 अगस्त 1956 के दिन भारतीय राष्ट्रपति डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद ने राज्य पुनर्गठन विधेयक को मंजूरी दी थी। बता दें कि ये विधेयक भारतीय राज्यों के सीमा के आधार पर बंटवारे और उनके भाषाई आधार पर गताहन से संबंधित था। साथ ही ये आजादी के बाद का एक सबसे महत्वपूर्ण विधेयक था। आगे जाकर ये विधेयक पारित होकर एक्ट बना।
31 अगस्त 1919 के दिन प्रसिद्ध कवयित्री, उपन्यासकार और निबंधकार अमृता प्रीतम का जन्म हुआ था। जिन्हें 20वीं सदी की पंजाबी भाषा की सर्वश्रेष्ठ कवयित्री माना जाता है। इनकी लोकप्रियता सीमा पार पाकिस्तान में भी बराबर है। अमृता प्रीतम ने कुल मिलाकर लगभग 100 पुस्तकें लिखी हैं। अमृता प्रीतम उन साहित्यकारों में थीं, जिनकी कृतियों का अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ। अपने अंतिम दिनों में अमृता प्रीतम को भारत का दूसरा सबसे बड़ा सम्मान ‘पद्म विभूषण’ भी प्राप्त हुआ। अमृता जी को कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया।
31 अगस्त 1995 को तत्कालनी मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की चंडीगढ़ स्थित सिविल सेक्रेटिएट के बाहर विस्फोट कर हत्या कर दी गई थी। बता दें कि पंजाब पुलिस में काम करनेवाले दिलावर सिंह मानव बम बनकर इस घटना को अंजाम दिया था
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