इतिहास एक दिन में नहीं बनता, लेकिन हर दिन इतिहास के बनने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। 30 अगस्त के इतिहास के लिए भी यही मायने हैं। इस दिन इतिहास की कुछ बहुत महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं थीं। तो आईए नज़र डालते हैं, इस दिन घटी ऐतिहासिक घटनाओं पर-
30 अगस्त 1918 के दिन व्लादमीर लेनिन को दो बार गोली मारी गई थी। इस घटना के बाद रूस में पहले से चल रहा गृह युद्ध और तेज हो गया था। 1887 में इनके बड़े भाई को मृत्यदंड दिया गया था जिसकी वजह से लेनिन को रूस में क्रान्ति लाने की ओर निर्णायक रूप से अग्रसर किया था। 1890 के आते-आते लेनिन ने मजदूरों के हितों में एक मार्क्सवादी संगठन का निर्माण किया था।
30 अगस्त 2006 के दिन कैलिफोर्निया की सीनेट ने एक एक्ट पारित किया था इस एक्ट को ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभावों को कम और ख़त्म करने के उद्देश्य से पारित किया गया था। इस प्रकार कैलिफोर्निया ऐसा करने वाला अमेरिका का पहला राज्य बना था।
30 अगस्त 1966 के दिन चीन उत्तरी विएतनाम की मदद करने के लिए राजी हुआ था। दरअसल इस समय उत्तरी वियतनाम दक्षिणी वियतनाम से युद्ध लड़ रहा था। बता दें कि ये युद्ध शीत युद्ध का हिस्सा था। शीत युद्ध पूंजीवादी अमेरिका और साम्यवादी सोवियत संघ के बीच लड़ा जा रहा था।
30 अगस्त 1659 के दिन औरंगजेब ने दारा शिकोह को मौत के घाट उतार दिया था। इस तरह वह मुग़ल साम्राज्य का निर्विवादित बादशाह बन गया था। दारा शिकोह औरंगजेब का भाई था। दोनों मुग़ल शासक शाहजहाँ के बेटे थे। शाहजहाँ के बीमार पड़ने के बाद दोनों के बीच सत्ता संघर्ष होने लगा। जिसके बाद ही ओरंगजेब ने अपने पिता को कैद कर भाई को मौत के घाट उतार दिया था।
आज ही के दिन1928 में -द इंडिपेंडेंस ऑफ़ इंडिया लीग की भारत में स्थापना। इसका उद्देश्य प्रवासी भारतीयो को भारत में ब्रिटिश राज हटाने के लिये प्रेरित करना था। इसकी स्थापना भारतीय क्रांतिकारी नेता रास बिहारी बोस और जवाहरलाल नेहरू ने की थी।
आज ही के दिन 1984 में अंतरिक्ष यान ‘डिस्कवरी’ ने पहली बार उड़ान भरी थी। ये यान नासा को भविष्य की झलक दिखाने वाला और एक नई दिशा देने वाला था। ये उड़ान डिस्कवरी अंतरिक्षयान की पहली सफल उड़ान थी, जो 30 अगस्त से 5 सितम्बर तक अंतरिक्ष मे रहा और सफल उड़ान के साथ साथ इसने सफल वापसी भी की।
आज ही के दिन 1888 में कनाईलाल दत्त का जन्म हुआ था। बता दें कि कनाईलाल दत्त भारत की आज़ादी के लिए फाँसी के फंदे पर झूलने वाले अमर शहीदों में से एक कनाईलाल दत्त एक थे।
आज ही के दिन 1895 में भारतीय राजनीतिज्ञ और पूर्व लोकसभा अध्यक्षसरदार हुकम सिंह का जन्म हुआ था। वो भारतीय राजनीतिज्ञ 1962 से 1967 के बीच लोक सभा के तीसरे अध्यक्ष थे। साथ ही हुकुम सिंह राजस्थान के राज्यपाल भी रहे थे। हुकम सिंह को अकाली दल के सदस्य के रूप में अप्रैल, 1948 में भारत की संविधान सभा के लिए चुना गया था।
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