History of 17th April- 1975 में डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का निधन

History of 17th April-
17 अप्रैल 1975 में आज ही के दिन भारत के दूसरे राष्ट्रपति और पहले उप-राष्ट्रपति डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का निधन हुआ था. आपको बता दें कि, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के महान शिक्षाविद होने के साथ-साथ हिन्दू विचारक थे. उनके इन्हीं गुणों के कारण सर्वपल्ली राधाकृष्णन को साल 1954 में भारत सरकार ने उन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया था. आपको बता दें कि भारत सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस 5 सितंबर का दिन शिक्षक दिवस के तौर पर मनाता है.
आज ही के दिन साल 1977 में स्वतंत्रता पार्टी का जनता पार्टी में विलय हुआ था. आपको बता दें कि, 1977 में आपातकाल के खत्म होने के बाद जनता पार्टी को बनाने के लिए जनसंघ स्वतंत्रता पार्टी के साथ जनता पार्टी ने विलय किया था. जिसके चलते 1977 में ही कांग्रेस को आम चुनावों में हराना संभव हो पाया था. हालांकि तीन साल के अंदर ही 1980 में जनता पार्टी टूट गई और फिर भारतीय जनता पार्टी को बनाया गया.
आज ही के दिन साल 1946 में भारत के समाज सुधारक वी. एस. श्रीनिवास शास्त्री का निधन हुआ था. आपको बता दें कि, एक छोटे से स्कूल के टीचर के तौर पर अपना जीवन शुरु करने वाले श्रीनिवास ने गोपालकृष्ण गोखले द्वारा बनाए गए सर्वेट्स ऑव इंडिया सोसायटी नाम की संस्था के साथ काम किया. इसके अलावा 1916 में वाइसराय की विधान परिषद् में चुने जाने के साथ-साथ International organization लीग ऑव नेशंस में भारत का प्रतिनिधित्व किया था.
आज ही के दिन साल 1972 में श्रीलंका के महान खिलाड़ी मुथैया मुरलीधरन का जन्म हुआ था. विजडन क्रिकेटर सम्मान से सम्मानित मुरलीधरन दुनिया भर के सबसे अधिक गेंदबाजों में से एक हैं. आपको बता दें कि, मुरलीधरन ने टेस्ट क्रिकेट में 800 विकेट और ODI में 519 विकेट लिए हैं.
आज ही के दिन साल 1875 में सर नेविले चैंबरलिन ने स्नूकर का आविष्कार किया था. स्नूकर एक डंडे वाला खेल है जो एक बड़े हरे बनात से ढ़के हुए मेज पर खेला जाता है जिसके प्रत्येक चार कोने में और प्रत्येक लंबे लचीले किनारे के बीच में पॉकेट होते हैं. इसके अलावा इसमें छ: तरह के रंगों की गेंदों का प्रयोग किया जाता है.
आज ही के दिन साल 1995 में पाकिस्तान में बाल मज़दूरी को समाप्त करने वाले युवा कार्यकर्ता इक़बाल मसीह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. आपको बता दें कि, इक़बाल मसीह एक ईसाई परिवार से था. बचपन की छोटी उम्र से ही परिवार का कर्ज उतारने के लिए काम करने वाले इक़बाल ने महज़ 12 साल की उम्र में 3,000 से ज्यादा पाकिस्तानी बच्चों की बाल मज़दूरी से आजाद होने के लिए मदद की थी.
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