Kisan bulletin 7th March 2019- किसानों की क़र्ज़ अदायगी पर रोक

- कलेक्ट्रेट के सामने किसानों का महापड़ाव 8वें दिन भी जारी रहा। प्याज की सरकारी खरीद शुरू नहीं होने को लेकर किसानों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। किसानों ने धमकी दी है कि, 2 दिन में फैसला नहीं हुआ तो बड़े आंदोलन की राह पर निकलेंगे। इतना ही नहीं, किसान सभा ने इसके लिए गांव-गांव में तैयारियां शुरू कर दी। पदाधिकारियों को तहसीलों के अनुसार जिम्मेदारी सौंपी गई है। गुरुवार को धोद और सीकर तहसील के किसान महापड़ाव में शामिल होंगे। तो वहीं, 8 मार्च को लक्ष्मणगढ़ और फतेहपुर के किसान महापड़ाव में पहुंचेंगे। जिसके बाद 9 मार्च को दांतारामगढ़, खंडेला और श्रीमाधोपुर के किसान शिरकत करेंगे,और इसी दिन आर-पार की लड़ाई लड़ने का ऐलान किया जाएगा।
- केरल में पिछले दो महीने में कर्ज में डूबे कम से कम नौ किसानों की मौत के बाद ने हाल ही में कई राहत उपायों की घोषणा की. इनमें किसानों द्वारा लिए गए सभी तरह के कर्जों की अदायगी पर 31 दिसंबर तक रोक शामिल है. कैबिनेट बैठक के बाद विजयन ने बताया कि वाम सरकार ने किसानों की कर्ज अदायगी पर रोक की सीमा को इस साल 31 दिसंबर तक बढ़ाने का फैसला लिया है. इन कर्जों में किसानों द्वारा सार्वजनिक, वाणिज्यिक और सहकारी बैंकों से लिए गए सभी प्रकार के कर्ज शामिल हैं।
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हाईकोर्ट के दखल के बाद देवीदासपुरा में बैठे किसानों ने साढ़े 44 घंटे बाद अपने धरने को 29 मार्च तक स्थगित करते हुए रेलवे ट्रैक से हटने का फैसला किया। बुधवार को किसान नेताओं ने कहा कि बॉर्डर एरिया में जिस तरह के हालात हैं, उस बीच किसानों के प्रदर्शन के कारण सप्लाई लाइन प्रभावित हो रही है। और ये वक्त देश के हालात समझने का हैं हमें समझना होगा, कि देश पहले है औऱ आपकी मांगें बाद में। कोर्ट ने किसान नेताओं से 50 मिनट की काउंसलिंग की। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि किसान नेता एक घंटे में ट्रैक से धरना उठाने को तैयार हैं।
- बीते साल 10 और 11 अक्टूबर की रात में हुई ओलावृष्टि और भारी बरसात से हुए नुकसान के बाद मिल रहे मुआवजे से किसान नाखुश हैं। बुधवार को भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसानों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। किसानों के मुताबिक वह रोजाना सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक डीसी कार्यालय पर धरना देंगे। भाकियू के शहर ब्लॉक प्रधान सुखविद्र सिंह ने कहा कि, करीब छह हजार किसानों का नुकसान हुआ था लेकिन करीब साढ़े चार महीने बाद भी सिर्फ 2 हजार किसानों को मुआवजा राशि जारी हुई जो कि ऊंट के मुंह में जीरा के समान है।
- घोसी चीनी मिल प्रशासन की तरफ से किसानों को गन्ना पर्ची समय से न मिलने के चलते किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। हालत यह है कि पर्ची के इंतजार में किसानों का गन्ना सूख रहा है। शिकायत के बाद भी समस्या का समाधान अभी तक नहीं हो सका है। जिसके चलते किसानों को रोज चीनी मिलों के चक्कर काटने पर मजबूर होना पड़ रहा हैं।
- लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले महाराष्ट्र सरकार ने किसानों के लिए सरकारी खजाना खोल दिया है। दो साल पहले सोयाबीन उपज करने वाले किसानों को सरकार 200 रुपये प्रति क्विंटल अनुदान देगी। एक किसान को अधिकतम 25 क्विंटल के लिए अनुदान मिल सकेगा। योजना का लाभ 16 लाइसेंस धारक और 11 निजी बाजार लाइसेंस धारकों के यहां सोयाबीन बेचने वाले किसानों को मिलेगा।
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