Kisan Bulletin 20th May 2019-सहफसली खेती से किसानों को मुनाफा

Kisan Bulletin 20th May 2019-सहफसली खेती से किसानों को मुनाफा
Kisan Bulletin 20th May 2019-
उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में पिछले पांच दिनों से जिला मुख्यालय पर पेयजल संकट और केन नदी में हो रहे अवैध खनन के चलते किसानों का धरना जारी रहा, जिससे परेशान होकर प्रशासन ने अनशन स्थल की बिजली काट दी. किसानों के अनशन की अगुवाई कर रहे बुंदेलखंड किसान यूनियन के अध्यक्ष विमल शर्मा ने जानकारी देते बताया कि, विघुत विभाग के कुछ कर्मचारियों ने अनशन वाली जगह पर आकर वहां की बिजली काट दी और जब हमने पूछा तो उन्होंने कहा की ऊपर से विधायक और अधिकारियों का दबाव है. इसके अलावा उन्होंने बतायात की बीते दिन सिटी मैजिस्ट्रेट और सीओ अनशन खत्म करवाने के लिए आए थे. लेकिन हमारी समस्या को दूर करने के लिए और नदी से अवैध खनन बंद होने तक किसानों ने अनशन तोड़ने से मना कर दिया. जिससे अधिकारी नाराज हो गए. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि, ‘केन नदी में लगभग तीन दर्जन से ज्यादा मशीनें गैर कानूनी ढंग से खनन कर रही हैं, किसानों ने नदी कूच कर वहां से मशीनों को हटाने का ऐलान किया है. जिससे प्रशासन अब हमें परेशान कर रहा है. साथ ही हम सभी ने नगर पालिक परिषद की और पालिका से अनशन करने और बिजली के उपभोग की बाकायदा इजाजत ली थी. लेकिन बिजली विभाग के मुख्य अधिक्षक अभियंता के.के. भारद्वाज की मानें तो उनका कहना है की हमारे पाल बिजली जलाने की शिकायत आई थी और मैनें ये मामला एसडीओ को सौंप दिया था. जाहिर है अवैध खनन हमेशा से किसानों के लिए परेशानी की वजह रहा है. ऐसे में किसानों की जमीन के साथ-साथ पेयजल संकट गहराता चला जाता है.
मध्य प्रदेश के राइसेन जिले में पिछले 5 सालों के अंदर किसानों ने अपने खेती के तरीके में काफी बदलाव किया है और यही वजह है कि क्षेत्र के किसान एक साल में तीन फसलों का उत्पादन कर रहे हैं. साथ ही, किसानों को भी इससे नुकसान से बचने में काफी मदद मिल रही है. आपको बता दें कि, गेहूं की फसल काटने के बाद किसान मूंग की बोवनी कर देते हैं.. और ये सिलसिला करीब 5 सालों से जिले में जारी है. जिसके चलते जिले के किसानों की आमदनी भी बढ़ गई है.. कम समय में ज्यादा फायदे के लिए मूंग की खेती करना किसानों को फायदेमंद साबित हो रहा है। किसानों की जमीन पर चिलचिलाती गर्मी के बाद भी हरियाली नजर आ रही है। खरीफ और रबी की दो फसलों के बाद किसानों द्वारा गर्मी में तीसरी फसल के लिए व्यापक स्तर पर मूंग की खेती की जा रही है। कम समय में मूंग का अच्छा उत्पादन होने से मूंग की खेती करने वाले किसानों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है.. पिछले 5 वर्षों से रबी सीजन में दलहन की फसलों के साथ किसानों मुख्य रूप से गेहूं की खेती कर रहे है। खेतों में ट्यूबवेल लगवाने, फेंसिंग करवाने में किसानों द्वारा अच्छी लागत लगाकर खेती करने के साथ आधुनिक तौर तरीके भी अपनाए जाने लगे हैं। गर्मियों के सीजन में किसान सिर्फ 2 से ढाई महीने में मूंग पैदा कर रहे हैं। जिले के किसानों का कहना है कि, हम पिछले 5 सालो से मूंग की खेती कर रहे है प्रति एकड़ 6 से 7 क्विंटल की पैदावार होती है। इसी दौरान खेत खाली रहते थे, लेकिन आज मूंग का उत्पादन करने से ज्यादा लाभ होने लगा है। और साथ ही ऐसा करने से किसानों को उनकी अगली फसल के लिए पैसे भी मिल जाते है.
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के दहमान माइनर टेल में पानी पहुंचाने के लिए यहां के किसान पिछले पांच सालों से लगातार कार्यरत हैं. लेकिन शासन और प्रशासन की बेरुखी के चलते अब तक यहां इस नहर में पानी नहीं पहुंचा है. जिसके चलते किसानों ने आने वाली 30 मई तक का अल्टीमेटम दिया है कि अगर टेल तक पानी नहीं पहुंचा तो भूना और हिसार रोड को जाम करेंगे. जाहिर है किसानों की समस्या जायज है. पिछले पांच सालों से अधिकारी से लेकर यहां के नेता तक यहां कई बार आए और हर बार किसानों को आश्वासन देकर चले गए लेकिन समस्या का समाधान नहीं किया. ऐसे में सरकार और प्रशासन का दावा है की सभी किसानों को नहरी पानी दिया जा रहा है लेकिन दहमान माइनर टेल में अभी तक पानी नहीं पहुंचा है. जिसके चलते यहां 100 एकड़ के करीब जमीन जल्द ही बंजर हो जाएगी. क्योंकि यहां के किसानों के पास ट्यूबवेल के अलावा कोई और सिंचाई का साधन नहीं है. ऐसे में अधिकारियों का कहना है की माइनर को जोड़ने का प्रोजेक्ट भेजा हुआ है लेकिन आचार संहिता के चलते प्रोजेक्ट पर कोई काम नहीं हो पा रहा. जैसे ही आचार संहिता खत्म होगी काम फिर से शुरु कर दिया जाएगा.
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