Kisan bulletin 10th June 2019-PM KISAN योजना के लिए सरकार लाएगी ई-रजिस्ट्रेशन

Kisan bulletin 10th June 2019-PM KISAN योजना के लिए सरकार लाएगी ई-रजिस्ट्रेशन
Kisan bulletin 10th June 2019-
किसानों के लिए शुरू की गई पीएम किसान सम्मान निधि योजना में तेजी लाने के लिए सरकार अब ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू करने पर विचार कर रही है.. दरअसल, हाल ही में अग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि, हमने ऑनलाइन रजिस्ट्रेश का विकल्प शुरू करने की योजना बनाई है, जिसके तहत किसान किसी भी कॉमन सर्विस सेंटर से स्कीम के लिए अप्लाई कर सकते हैं। हालांकि, फॉर्म को ग्राम पंचायत के पटवारी या किसी अन्य ऑथराइज्ड अधिकारी द्वारा ऑनलाइन वेरिफाई किया जा सकता है। ऐसा होने से भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी और स्कीम तेजी से लागू होगी। अधिकारी ने बताया कि, अब तक फॉर्म में दी गई जानकारियों में मिलान न होने के चलते कई सारे ऐप्लिकेशन्स रिजेक्ट हो गए। जिसके चलते ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन से इन जानकारियों को जांचा जा सकेगा। और जब इस योजना के दायरे को और भी बढ़ा दिया गया है..तो अब तो इस स्कीम में तेजी से लाने के लिए ऑनलाइन ऐप्लिकेशन को लाने की जरूरत हो गई है। हालांकि, हम आपको बता दें कि, ये ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन मौजूदा ऑफलाइन सिस्टम के साथ ही काम करेगा। अभी किसान अपने फॉर्म्स को ग्राम पंचायत में जमा कराते हैं जहां पटवारी या दूसरे ऑथराइज्ड लोग जानकारी को वेरिफाइ करते हैं। अभी तक सरकार ने 3.66 करोड़ किसानों को रजिस्टर कर लिया है। इनमें से 3.03 करोड़ को पहली किस्त के तहत 2,000 रुपये दिए जा चुके हैं, जबकि 1.99 करोड़ किसानों को दूसरी किस्त भी मिल गई है। एक जानकारी के अनुसार, इस स्कीम को सभी किसानों के लिए लागू करने के बाद, देश में इससे फायदा पाने वाले किसानों की संख्या 14.5 करोड़ होने का अनुमान है।
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में एक किसान की दर्दनाक मौत का मामला सामने आया है. जहां खेत में अवशेष जला रहे किसान की आग की लपटों की चपेट में आने से मौत हो गई…आपको बता दें कि, ये घटना कुशीनगर के रामकोला थाना क्षेत्र के परोरहा गांव की है. जहां एक किसान अपने खेत में पड़े अवशेषों को जला रहा था… लेकिन आग की लपटें साथ वाले एक खेत में जा पहुंची.. और इस डर से कि आग पूरे खेत में ना फैल जाए.. किसान आग को बुझाने लगा.. लेकिन देखते ही देखते आग ने पूरे खेत में फैलना शुरू कर दिया और किसान खेत को बचाने की कोशिश में आग की लपटों से खुद को नहीं बचा पाया और खेत में जलकर उसकी मौत हो गई. मृतक किसान की पहचान गुलाब सिंह के रूप में की गई है. बताया जा रहा है कि परोरहा गांव के रहने वाले गुलाब बीते शनिवार शाम करीब सवा सात बजे अपने गन्ने की खेत में अवशेष जला रहा थे. लेकिन तभी निकली चिंगारी बगल के एक खेत में जा पहुंची और खेत में खड़ी गन्ने की फसल जलने लगी. खड़ी फसल को जलता देख गुलाब आग पर काबू पाने की कोशिश करने लगे. लेकिन आग की लपटें इतनी तेज थी कि वे उसकी पकड़ में आ गए. और इससे किसान की मौके पर ही मौत हो गई. तो वहीं जब गांव वालों ने गन्ने की फसल को जलता देखा तो तुरंत खेत की तरफ दौड़े. लेकिन तब तक गुलाब की मौत हो चुकी थी. जिसके बाद गांव वालों ने गुलाब के परिजनों को हादसे की जानकारी दी. इस घटना से पूरे गांव में मातम का माहौल है… दोस्तों ये कोई पहली या दूसरी घटना नहीं हैं जब अपने खेत में अवशेष जलाते हुए किसी किसान की मौत हुई हो.. ऐसी ही और भी ना जाने कितनी घटनाओं के बारे में हम आपको पहले भी बता चुके हैं.. और आपसे निवेदन भी कर चुके हैं कि, फसल अवशेष ना जलाएं.. ये जितना गैरकानूनी हैं उतना ही आपके लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है..
आने वाले समय में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में मछली पालन, मुर्गीपालन और पशु पालन के लिए बैंक जल्दी ही किसानों को लोन उपलब्ध कराने की तैयारी में है. जिसके चलते अलग-अलग क्षेत्रों में ऋण का निर्धारण किया जाएगा. आपको बता दें कि जिलाधिकारी अध्यक्षता में फसली ऋण वितरण के लिए हुई बैठक में ऋण को लेकर सहमति बन गई है. इस बैठक में ऋण के अलावा ये भी तय किया गया है कि, किस व्यापार को कितना ऋण मुहैया कराया जाएगा. आपको बता दें कि हर साल फसलों के लिए वित्तमान का निर्धारण किया जाता है. जिसमें किस फसल में बैंक कितना ऋण उपलब्ध कराएगा इसे तय किया जाता है. इन फसलों में गन्ना, गेहूं, आलू से लेकर दलहन जैसी फसलें शामिल होती हैं. हालांकि इस बार इस सूची में मछली पालन, मुर्गीपालन और पशु पालन को भी शामिल कर रही है. जिलाधिकारी की सहमति से इन सभी व्यवसायों के लिए प्रति यूनिट ऋण तय कर दिया गया है तय हुई यूनिट के ही आधार पर बैंकों की तरफ से किसानों या आवेदन कर्ता को ऋण उपलब्ध कराया जाएगा. आपको बता दें कि, एक हेक्टेयर में मछली पालन के लिए जहां किसानों को 2 लाख, तो दुधारू पशु के लिए लगभग 10 लाख तो मुर्गी की यूनिट के लिए 1 लाख 60 हजार तक वित्तमान निर्धारित किया गया है. इस आधार पर अब ग्राहक और किसान बैंकों से ऋण लेकर इसकी शुरुआत कर सकते हैं.
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