October 2, 2023

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Kisan bulletin 6th August 2019-लहसुन की ये किस्म खोलेगी किसानों की किस्मत

Kisan bulletin 6th August 2019
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Kisan bulletin 6th August 2019-

हिमाचल प्रदेश के शिमला में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत साल 2019-2020 में करीब 50 हजार किसानों को प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण देने का लक्ष्य बनाया गया है। जिसके लिए 12 जिलों के 8 खंड़ो में 1600 खंड स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। आपको बता दें कि, पिछले साल इस योजना के तहत 12 जिलों के 2669 किसानों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया था। जिसके चलते इस बार किसानों की संख्या को बढ़ाने की उम्मीद की जा रही है। आपको बता दें कि, ये जानकारी मुख्य सचिव बीके अग्रवाल ने प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य स्तरीय कार्य बल की बैठक में दी है। बैठक में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान’ और कृषि, पशुपालन के साथ ही प्राकृतिक खेती से संबंधित विषयों पर चर्चा की गई। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के लोग सालों से कृषि तथा बागवानी के क्षेत्र से आजीविका प्राप्त कर रहे है। हरित क्रांति के दौरान शुरू हुए कीटनाशकों व रसायनों के अत्याधिक प्रयोग के कारण मिट्टी की उर्वरता में कमी आई तथा उपभोक्ताओं को गुणात्मक उत्पाद उपलब्ध कराना एक चुनौती बन गया था, लेकिन अब प्राकृतिक खेती को अपनाने से पर्यावरण संरक्षण तथा कृषि उत्पादन की लागत में कमी आएगी तथा प्रदेश के किसानों को लाभ मिलेगा

लहसुन की नई किस्म किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। आपको बता दें कि, लहसुन की नई प्रजाति 404 को करनाल के राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान विकास प्रतिष्ठान ने तैयार किया है। लहसून की इस किस्म को किसान अपने खेतों में लगाकर अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं। दरअसल, महाराष्ट्र, गुजरात, एमपी के कई शहरो में लहसून की इस किस्म की मांग बहुत ज्यादा है। वहां के लोग इस तरह की लहसुन का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं जिसके चलते महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों की मंडी में किसान इसे बेचकर लाभ कमा सकते हैं।. पर्पल रंग की लहुसन की यह नई किस्म ‘404’ किसानों को अच्छी पैदावार के साथ मांग के हिसाब से अच्छा मुनाफा दिलाएगी। लहसुन की इस नई किस्म के बारे में करनाल राष्ट्रीय बगवाई अनुसंधान विकास प्रतिष्ठान के डिप्टी डायरेक्टर बीके दुबे का कहना है कि हाल ही में लहसुन की इस किस्म को लांच किया गया है. सान नवम्बर के पहले या दूसरे सप्ताह तक इस लहसुन के बीज की बुआई खेतों में कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि प्रति हेक्टेयर किसानों को 165 से 170 क्विंटल लहसुन मिलेगी. लहसुन की फसल 65 दिनों में तैयार हो जाएगी. फिर किसान इसे बाजार में बेच सकते हैं. उन्होंने कहा कि हरियाणा के साथ ही पंजाब, राजस्थान के किसान इसे अपने खेतों में लगा सकेंगे.

उत्तर प्रदेश के मेरठ में भारतीय किसान यूनियन ने बीते सोमवार को मेरठ में बिजली वितरण निगम पश्चिमांचल के दफ्तर ऊर्जा भवन का घेराव किया। इसके बाद अपनी मांगों को लेकर बीकेयू कार्यकर्ता भवन के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए। हालांकि, इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सरकार और अफसरों को किसान विरोधी बताते हुए उनके खिलाफ नारेबाजी भी की। तो वहीं वेस्ट यूपी के कई जिलों के किसान भी इस आंदोलन में शामिल हुए। आपको बता दें कि बिजली बिलों में बढ़ोत्तरी, किसानों पर फर्जी रिपोर्ट दर्ज करने, खराब ट्रांसफार्मर और जर्जर लाइनों को बदलने में देरी करने को लेकर किसानों में ज्यादा गुस्सा है। और बस इसी को लेकर सोमवार को बड़ी तादाद में किसान ट्रैक्टर और ट्रॉली से मेरठ ऊर्जा भवन पहुंचे। जहां पर सभी किसानों ने मिलकर प्रदर्शन किया और धरने पर बैठे गए। इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि, सरकार किसान विरोधी काम कर रही है। बिजली का बिल बढ़ाने से किसानों को फसल का उत्पादन करना मुश्किल हो जाएगा। तो वहीं किसानों के हित में काम करने वाले बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का कहना है कि यूपी में सभी राज्य से मंहगी बिजली है और अब इसे और बढ़ाने की तैयारी हैं। साथ ही, किसानों ने आरोप लगाया कि किसानों को बर्बाद करने की कोशिश की जा रही है।

हरियाणा के फतेहाबाद जिले के किसान अपनी फसल को बचाने के पानी में शराब डालकर इसका छिड़काव कर कपास की खेती कर रहे हैं। हालांकि, जहां एक तरफ किसानों का मानना है कि इसका फायदा जरूर होगा। तो वहीं दूसरी तरफ इसके उलट कृषि अधिकारी इसे किसानों का भ्रम बता रहे हैं।

कश्मीर में धारा 144 लागू होने के बाद घाटी में इस समय व्यापार पूरी तरह से ठप हैं। ऐसे में सब्जी व्यापारियों ने निर्यात रोकने की वजह बताते हुए कहा कि, वहां जाने वाले हर वाहन की अलग-अलग तरीके से जांच हो रही है. चैकिंग के दौरान पैकिंग को खोला जाता है, जिसके बाद उस माल को बेचना अपने आप में टेढ़ी खीर है।

बिहार के सबौर स्थित बिहार कृषि विश्वविद्यालय में स्कॉलरशिप नहीं मिलने और कृषि विश्वविद्यालयों में बहाली में अन्य राज्य के छात्रों को प्राथमिकता देने समेत विभिन्न मांगों को लेकर छात्रों का विरोध जारी है। ऐसे में सोमवार को बिहार कृषि विश्वविद्यालय के नौवें स्थापना दिवस समारोह में कृषि मंत्री प्रेम कुमार को जाने से छात्रों ने रोक दिया और साथ ही विश्वविद्यालय का मुख्य गेट बंद कर हंगामा किया.

 

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