October 2, 2023

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Kisan bulletin 4th June 2019- मवेशियों के लिए केंद्र सरकार की पहल

Kisan bulletin 4th June 2019
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Kisan bulletin 4th June 2019-

जहां एक तरफ छत्तीसगढ़ सरकार किसानों को सुविधाएं दिलाने के लिए नई-नई योजनाएं ला रही हैं, तो वहीं दूसरी तरफ यही योजनाएं किसानों के लिए अब सिरदर्द बनती जा रही हैं.. दरअसल, हम बात कर रहे हैं, हाल ही में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लांच किए गए भुइया सॉफ्टवेयर की.. आपको बता दें कि, किसानों को अपने कृषि संबंधी दस्तावेजों के लिए इधर से उधर ना भटकना पड़ें.. इसलिए इस सॉफ्टवेयर को लांच किया गया था.. जहां सरकार ने किसानों के काम को और आसान बनाने के लिए इस सॉफ्टवेयर को लांच किया था, तो वहीं अब यही सॉफ्टवेयर छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के किसानों और पटवारियों के लिए सिर दर्दी बन गया है.. दरअसल, जिले के किसानों का सॉफ्टवेयर पर नाम-पता गलत दर्ज होने से उन्हें खाद बीज नहीं मिल पा रहा है.. ऐसे में किसान समय पर खेती की तैयारी भी नहीं कर पा रहे हैं.. और इतना ही नहीं, अपनी परेशानी को लेकर किसानों ने बीते सोमवार को कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन भी किया.. और जल्द से जल्द किसानों की इस समस्या का समाधान करने की गुहार लगाई.. किसानों का कहना है कि, वो अपनी ऋण पुस्तिका लेकर सोसायटी पहुंचे तो वहां सॉफ्टवेयर पर उनका नाम और पता गलत दर्ज किय़ा गया था.. ऐसे में उन्हें सोसायटी से खाद मिल रहा है और ना ही बीज। ग्राम पंचायत श्यामतराई के सरपंच उमेश साहू के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे किसानों ने कहा कि भुईयां सॉफ्टवेयर के चलते आज किसानों को खाद बीज के लिए भटकना पड़ रहा है।

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के टांडा ग्राम के 148 किसानों को पायलट प्रोजेक्ट के तहत सौर उर्जा पंप की सौगात दी गई हैं.. जिसकी मदद से अब यहां के किसान स्प्रिंक्लर तकनीक के जरिए सिंचाई कर सकेंगे.. आपको बता दें कि, देश में बढ़ रही पानी की समस्या को देखते हुए.. सरकारी नलकूपो पर ड्रिप/ स्प्रिंक्लर तकनीक से सिंचाई पर जोर दिया जा रहा है.. आपको बता दें कि, किसानों को पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत सिर्फ 5 हेक्टेयर एरिया कवर करना है जिसके चलते इसमें सोलर पम्प से पानी लिफ्ट करके स्प्रिंकलर विधि द्वारा फसलों की सिंचाई की जाएगी। और इसका पूरा खर्च सरकार द्वारा उठाया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट को लगाने वाले जैन इरिगेशन के इंजीनियर मिथिलेश सिंह ने बताया कि, इसमें वेंचुरी द्वारा खाद देने की भी सुविधा है जिससे किसान खेत में गए बगैर खाद डाल सकते है। आपको बता दें कि, नौ लाख की लागत से लगने वाले इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत किसानों को लाभान्वित किया जा रहा है और अगर ये प्रोजेक्ट सफल होता हैं तो इसके दायरे को भी बढ़ाया जा सकता है..

केंद्र की मोदी सरकार ने जहां एक तरफ किसानों के लिए पेंशन योजना और किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं का ऐलान किया है वहीं दूसरी तरफ पशुपालकों के लिए भी कई ऐलान किए गए हैं… आपको बता दें कि, मवेशियों को खुरपका, एफएमडी और ब्रुसेलोसिस जैसी गंभीर बीमारियों से बचाने और उन्हें जड़ से खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ने 13, 343 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। भारत सरकार द्वारा एफएमडी टीकाकरण और ब्रुसेलोसिस अभियान के तहत पशुओं का टीकाकरण किया जाता है। हालांकि, अब कर इस अभियान में 50 प्रतिशत भारत सरकार और 50 प्रतिशत राज्य सरकार देती रही है लेकिन अब इस अभियान का पूरा खर्चा केंद्र सरकार देगी। इसी के साथ आपको बता दें कि, खुरपका और मुंहपका एक संक्रामक रोग है जो विषाणु से फैलता है। ये बीमारियां गाय- बैल, भैंस, भेड़, बकरी, सूअर जैसे पशुओं में बहुत आम है। अगर गाय या भैंस इस बीमारी से पीड़ित होती हैं तो उनका दूध-उत्पादन 100% तक कम हो जाता है और यह स्थिति 4 से 6 महीनों तक बनी रह सकती है। तो वहीं अगर पशु ब्रुसेलोसिस से पीड़ित होता है तो मवेशी के पूरे जीवनचक्र के दौरान दूध-उत्पादन 30 प्रतिशत तक घट जाता है। इतना ही नहीं, ब्रुसेलोसिस की वजह से पशुओं में बांझपन भी हो जाता है। और तो और मवेशियों की देखभाल करने वाले और मवेशियों के मालिक भी ब्रुसेलोसिस से संक्रमित हो सकते हैं। इन दोनों बीमारियों का दूध और अन्य मवेशी उत्पादों के व्यापार पर सीधे गलत असर पड़ता है। ऐसे में केंद्र सरकार की ये योजना बछियों के प्राथमिक टीकाकरण के साथ-साथ 30 करोड़ गोजातीय पशुओं और 20 करोड़ भेड़/बकरियों के अलावा एक करोड़ सूअरों का 6 महीने के अंतराल पर टीकाकरण कराने की कोशिश करेगी, जबकि ब्रुसेलोसिस नियंत्रण कार्यक्रम करीब साढे तीन करोड़ बछियों को 100 प्रतिशत का टीकाकरण कवरेज उपलब्ध कराएगा।

 

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