पिछले एक महीने से मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के गांव अबगांव खुर्द में अन्ना मवेशी किसानों की फसलों को चौपट कर रहे हैं। इससे परेशान हो चुके किसानों ने बीते गुरूवार को 150 से ज्यादा मवेशियों को घेरकर कलेक्टोरेट परिसर में छोड़ दिया. जिसके चलते कुछ देर तक स्थिति थोड़ी खराब हो गई, मगर कुछ देर बाद कर्मचारियों और पुलिस कर्मियों ने मवेशियों को कलेक्टोरेट से बाहर निकाला और सामने मंडी परिसर में छोड़ दिया। हालांकि, इसे बाद भी गुस्साए किसानों ने एक बार फिर से मवेशियों को घेरकर कलोक्टोरेट के गेट के सामने जमा कर लिया। और करीब डेढ़ घंटे तक किसान मवेशियो को यू हीं घेरकर गेट के सामने जमा रहे। आपको बता दें कि, इस दौरान किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने एडीएम प्रियंका गोयल से चर्चा की। और एडीएम ने नाराजगी जताते हुए कहा कि, किसानों को ये तरीका बेहद गलत है। तो वहीं इसके जवाब में किसानों ने एडीएम से कहा कि, आप ही को ई सही तरीका बता दें, हालांकि,किसानों के इस बर्ताव को देखने के बाद कर्मचारियों ने पशुओ को कांजी हाउस पहुंचाया।
उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के करीब 14 कोल्ड स्टोरेज में अभी भी किसानों का करीब 70 फीसदी आलू बाकी है। जिसके चलते अब सरकार ने किसान और व्यापारियों को देश के बाकी प्रदेशों और विदेशों तक में आलू का निर्यात करने की छूट दे दी है। दरअसल, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के निदेशक की ओर से एक पत्र जारी किया गया है कि उत्तर प्रदेश के अलावा देश के कई राज्यों की मंडियों में आलू के थोक दाम 969 रुपये से लेकर 3232 रुपये/क्विंटल चल रहे हैं। ऐसे में प्रदेश के किसान इन प्रदेशों में आलू का निर्यात कर सकते है। आलू उत्पादक किसानों को राज्य के अंदर 150 किलोमीटर और व्यापारियों को 300 किलोमीटर से ज्यादा दूरी के परिवहन और विपणन किए जाने पर 50 रुपये/क्विंटल की दर से भाड़ा अनुदान संबंधित मंडी द्वारा दिया जाएगा। जबकि भारत के बाहर आलू निर्यात करने पर 200 रुपये/क्विंटल की दर से भाड़ा अनुदान प्रदान किया जाएगा। और इतना ही नहीं, विपणन किए गए आलू पर मंडी शुल्क और विकास सेस की छूट प्रदान की जाएगी। आपको बता दें कि, जहां हापुड़ जिले में बड़े पैमीने पर आलू की खेती की जाती है, तो वहीं जिले के करीब 14 शीतगृहों की क्षमता करीब 1.75 लाख मीट्रिक टन आलू स्टोरेज की है। हालांकि, शुरूआत में आलू के दाम अच्छे थे, मगर पिछले काफी समय से प्रदेश के आलू किसानों को लगातार मंदी की मार झेलने पड़ रही है।
उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के किसानों को पारंपरिक खेती के साथ सब्जी की खेती करने के लिए राष्ट्रीय कृषि विभाग की शाकभाजी योजना के तहत 50 फीसद का अनुदान दिया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत किसानों से मिर्च, टमाटर पत्तागोभी के साथ ही शिमला मिर्च और फूलगोभी की खेती भी कराई जाएगी. और इतना ही नहीं, इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण देने की भी व्यवस्था की गई है। उद्यान निदेशालय ने कार्यक्रम के तहत जिला उद्यान विभाग को अलग-अलग लक्ष्य निर्धारित किए हैं। खैर आपको बता दे कि, इस योजना का फायदा उठान के लिए किसानों को उद्यान विभाग की वेबसाइट पर पंजीकरण कराना होगा। पंजीकृत किसानों को ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर अनुदान दिया जाएगा। इसके अलावा सहायक उद्यान निरीक्षक की मानें तो किसानों को मिर्च, शिमला मिर्च, टमाटर, पत्तागोभी और फूलगोभी की खेती करने पर फसलों की लागत का 50 फीसद यानि की करीब 20-20 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से अनुदान दिया जाएगा।
बिहार के मुज्जफरपुर में मक्के की फसल में फॉल आर्मी वर्म का प्रकोप फैल गया है, जिसके चलते किसानों की सैकड़ों एकड़में लगी मक्के की फसल पूरी तरह से चौपट हो रही है।
बिहटा- सरमेरा सड़क निर्माण के लिए किये जा रहे भूमि अधिग्रहण को लेकर बीते गुरूवार को किसानों ने सड़को पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने सरकार पर दोहरी नीति का आरोप लगाते हुए उनकी जमीन की कम कीमत देने का आरोप लगाया है।