Kisan bulletin 28th july 2019- क्या दोगुनी होगी 2022 तक किसानों की आय!

बीते शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के कटया गांव के बाहर रास्ते पर पहले से टूटकर गिरे 11 हजार वोल्ट के हाईटेंशन तार की चपेट में आने से एक किसान की मौत हो गई। आपको बता दें कि, तार से चिपक कर ये किसान काफी देर तक वहीं पड़ा रहा। और बाद में उस तरफ गईं महिलाओं ने उसे देखकर शोर मचाया, तब जाकर लोगों ने इसकी सूचना पुलिस विभाग को दी। इस हादसे के बाद बिजली विभाग के खिलाफ लोगों का आक्रोश फूट पड़ा। हालांकि, पुलिस ने गस्साए लोगों को समझा-बुझाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। परिजनों के अनुसार, मृत किसान का नाम धीरज शर्मा था, और वो बीते शुक्रवार को गांव के बाहर के रास्ते से अपने खेत की तरफ जा रहा था, कि रास्ते में 11 हजार वोल्ट का हाईटेंशन तार गिरा हुआ था, जिसकी चपेट में आने से किसान की मौके पर ही मौत हो गई। ग्रामीणों के अनुसार, हादसे के बहुत देर बाद उनको इसकी भनक लगी, साथ ही गांववासियों का कहना है कि, उन्होंने बहुत बार टूटे तार की शिकायत बिजली विभाग और जनप्रतिनिधियों से की थी, मगर कहीं पर भी कोई सुनवाई नहीं हुई, और विभाग की लापरवाही का ही नतीजा है कि, गांव के एक किसान की इसकी चपेट में आने से मौत हो गई।
हाल ही में केंद्र सरकार ने साल 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के अपने लक्ष्य पर संदेह जताया है। दरअसल, बीते शुक्रवार को राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री पुरूषोत्तम रूपाला से एक सवाल में पूछा था, कि क्या मौजूदा कृषि विकास की दर के हिसाब से 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी साथ ही उन्होंने ये भी पूछा कि, कृषि में शामिल मत्स्य पालन, डेयरी उत्पादन, वानिकी और खेती पर आधारित मौजूदा कृषि विकास की दर चार फीसदी ही है, ऐसे में इतने कम समय में किसानों की आय दो गुनी कैसे होगी ? जिसका जवाब देते हुए पुरूषोत्तम रूपाला ने कहा कि, किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार हर तरह की कोशिशें कर रही है। इसके लिए सरकार ने कृषि कार्यों में पशु पालन, मधुमक्खी और मत्स्य पालन, बागवानी, वानिकीकरण आदि कामों को शामिल करते हुए इसमें किसान सम्मान निधि योजना और अन्य कृषि कल्याण योजनाओं के सामूहिक लाभ से किसानों की आय दोगुनी करने का प्रयास कर रही है। इसके आगे उन्होंने बताया कि, कृषि से जुड़े अन्य पहलुओं को शामिल किये बिना मौजूदा कृषि विकास दर पर 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी, ये कहना मुश्किल है। यानि की जिस वादे को लेकर केंद्र सरकार अब तक किसानों को लुभाने की कोशिश में लगी हुई थी, अब अपने उसी लक्ष्य को पूरा करने पर सरकार भी संदेह करने लगी है।
जहां एक ओर मौसम विभाग ने देशभर में भारी बारिश का हाई अलर्ट जारी किया हुआ हैं वहीं दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ में इस वक्त आकाल जैसे हालात पैदा हो चुके हैं। क्योंकि, राज्य के तकरीबन 27 जिलो में से 18 जिलों में सामान्य से भी 50 फीसदी तक कम बारिश दर्ज की गई है। प्रदेश के इन जिलों में लोग पानी के इंतजार में पलके बिछाए बैठे हुए हैं। लेकिन अभी तक राज्य में ठीक से बारिश तक नहीं हुई है। जिससे जिलों में सूखे जैसे हालात पैदा हो चुके है। तो वहीं सूखे से सबसे ज्यादा परेशानी किसानों को हो रही है जो साल भर पानी के इंतजार में बैठे रहते हैं, लेकिन अब तक यहां अच्छे से बारिश न होने के चलते इन किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही हैं. मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ के सरगुजा में 57 फीसदी कम तो जशपुर और बेमेतरा में 27 जुलाई तक 50 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है. कम बारिश होने की वजह से प्रदेश के करीब 67 फीसदी इलाकें में सूखे के आसार बन गये हैं और किसानों की एक बार फिर मुश्किलें बढ़ने के आसार नजर आ रहे हैं. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार एक बार फिर किसानों को सूखे के साथ ही कर्ज का दंश भी झेलना पड़ सकता है।
Kisan और खेती से जुड़ी हर खबर देखने के लिए Green TV India को Subscribe करना ना भूले ::
https://www.youtube.com/user/Greentvindia1
Green TV India की Website Visit करें :: http://www.greentvindia.com/