October 2, 2023

Grameen News

True Voice Of Rural India

Kisan bulletin 27th April 2019- खेती में चाहिए मुनाफा तो बनवाईए केसीसी

Kisan bulletin 27th April 2019
Sharing is Caring!

Kisan bulletin 27th April 2019-

मध्य प्रदेश के खरगोल जिले के दोगावां, काकरियाव, मिर्जापुर आदि गांवों में जहां एक तरह वहां के किसानों ने खरीफ फसल की तैयारियां शुरु कर दी हैं. वहीं इस साल किसानों की परेशानियों में इजाफा होने के आसार अभी से दिखाई दे रहे हैं, आपको बता दूं कि, जहां एक तरफ खरगोल जिले के किसान खरीफ फसल की सिंचाई वेदा व कुंदा नदी से करते हैं वहीं इस बार अभी से नदी के जलस्तर में कमी दर्ज की जा रही है. जिसके चलते गर्मी के सीजन में लगाए जाने वाले कपास का रकबा घट सकता है. नदी के गिरते जलस्तर को देखते हुए और मिट्टी में बढ़ते रासायनिक खादों के इस्तेमाल के चलते कृषि विभाग ने फसल बुवाई से पहले ही किसानों को मिट्टी परीक्षण की सलाह दी है. विभाग का कहना है की परीक्षण से मिट्टी की उर्वरा शक्ति का पता चलने पर उसका ट्रीटमेंट किया जा सकता है. मिट्टी परीक्षण की नि:शुल्क सुविधा है. इसके साथ ही विभाग का कहना है की जो किसान अपने घर से लगाए जाने वाले बीज की गुणवत्ता की जांच कराना चाहते हैं वो भी इंदौर स्थित बीज परीक्षण केंद्रों में करवा सकते हैं.

पश्चिम बंगाल से वाया मेरठ लुधियाना तक जाने वाले डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर को करारा झटका लगा है. आपको बता दें कि, साल 2017 से चले इस कॉरिडोर में किसानों के मुआवजे के प्रकरण को अभी तक सुलझाया नहीं गया है. जिसका खामियाजा इस समय डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर पड़ रहा है. बीते शुक्रवार जहां प्रोजेक्ट से जुड़े डिप्टी चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर जेपी गोयल और डीपीएम तुफैल अहमद की टीम मेरठ के जानी ब्लॉक के पांचली खुर्द गांव में पहुंची थी उसी समय गांव के किसानों ने अधिकारियों की टीम को घेर लिया और मशीनों के आगे लेट गए. इस दौरान अधिकारियों ने किासनों को समझाने की कोशिशें की लेकिन किसान नहीं माने. जिसके चलते अधिकारियों को खाली हाथ लौटना पड़ा. आपको बता दें की 1856 किलोमीटर के डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर में किसानों ने 19 करोड़ रुपये के मुआवजे में गड़बड़ी का आरोप लगा रखा है. जिस पर अभी फाइनल रिपोर्ट आनी है. किसानों की मानें तो उन्होंने बताया कि बीते 3 जनवरी 2019 में वर्तमान कमिश्नर अनीता सी मेश्राम ने कमेटी बनाकर जांच करने के आदेश दिए थे. इसकी जांच अपर आयुक्त और एडीएम एलए को सौंपी गई थी. शुक्रवार को रेलवे की ओर से जो रिपोर्ट किसानों को सौंपी गई उसमें पहली रिपोर्ट के तथ्य ही जोड़े गए हैं. जिसके चलते किसानों का कहना है की पहली रिपोर्ट के गलत होने के बाद ही दूसरी जांच कराई गई है. लेकिन इसमें भी अपर आयुक्त ने गड़बड़ी कर दी है.

देश की केंद्र सरकार जहां एक तरफ प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम के तरह खेती-किसानी के लिए 12 करोड़ किसानों को सालाना 6000 रुपये की सहायता दे रही है. वहीं दूसरी तरफ सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के जरिए अब लोन लेना भी आसान कर दिया है. आपको बता दें कि, अगर किसान केसीसी पर लिए पैसे को समय से जमा करते हैं तो वो अपनी खेती से अच्छी कमाई कर सकते हैं. खास बात ये हि कि इसके तहत 3 लाख रुपये का कर्ज सिर्फ 7 फीसदी ब्याज दर पर मिलता है और अगर किसान समय पर पैसा लौटा देते हैं तो उन्हें 3 फीसदी तक की छूट मिलती है. जिसका मतलब है की किसानों को 4 परसेंट ब्याज दर पर ही केसीसी से पैसा मिल रहा है. जो साहूकारों के चुंगल में फंसने से कहीं अच्छा है. वहीं लोकसभा में पेश एक रिपोर्ट की मानें तो, हर किसान पर औसतन 47 हजार रुपये का कर्ज है. जिसमें साहूकारों से इतना कर्ज लिया गया है कि यह प्रति किसान 12,130 रुपये औसत आता है. ऐसे में सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी खेती को नई दिशा देना समझदार किसान की पहचान है.

 

Grameen News के खबरों को Video रूप मे देखने के लिए ग्रामीण न्यूज़ के YouTube Channel को Subscribe करना ना भूले  ::

https://www.youtube.com/channel/UCPoP0VzRh0g50ZqDMGqv7OQ

Kisan और खेती से जुड़ी हर खबर देखने के लिए Green TV India को Subscribe करना ना भूले ::

https://www.youtube.com/user/Greentvindia1

Green TV India की Website Visit करें :: http://www.greentvindia.com/

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © Rural News Network Pvt Ltd | Newsphere by AF themes.