Kisan Bulletin 26th May 2019- देश में जल्द होगा मॉनसून का आगाज

Kisan Bulletin 26th May 2019-
देश में थैलियों में मिलने वाले दूध के मशहूर ब्रैंड मदर डेयरी ने हाल ही में अपने दूध के दामों में दो रुपये की बढ़त की है.. आपको बता दें कि, दिल्ली सहित देश के कई राज्यों में लोग थैलियों में मिलने वाले मदर डेयरी के दूध का ही इस्तेमाल करते है.. जिसने बीते शनिवार से अपने दूध के दामों में 2 रूपये की बढ़ोंत्तरी कर दी है.. हालांकि, कंपनी का कहना है कि, उसने पशुपालकों से खरीदें जाने वाले दूध की लागत बढ़ने के बाद ही ये कदम उठाया है.. खैर इसी के साथ हम आपको बता दें कि, ये कीमतें केवल थैली में मिलने वाले दूध पर ही लागू की गई हैं.. खुले में मिलने वाले टोकन दूध की कीमतों में कोई उतार-चढ़ाव नहीं किया गया हैं… कंपनी के बताया कि, एक लीटर वाली थैली की कीमत एक रुपये प्रति लीटर तथा आधे लीटर वाली थैली की कीमत दो रुपये प्रति लीटर बढ़ायी गयी है। इससे उपभोक्ताओं को प्रति थैली एक रुपये अधिक का भुगतान करना होगा।” हालांकि, भारत की रेटिंग एजेंसी क्रिसिल (CRISIL) की मार्च 2019 की रिपोर्ट में ही यह तस्वीर साफ हो गयी थी कि जून तक दूध की कीमतें बढ़ जाएंगी। इस रिपोर्ट में बताया गया था कि, दूध और उससे बनने वाले उत्पादों के मंहगे होने की वजह एसएमपी के उत्पादन में कमी और मांग का बढ़ना है। इतना ही नहीं रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019-20 में दूध उत्पादन 3 से 4 फीसदी घटने की भी उम्मीद है। तो वहीं दूध की खपत 6-7 फीसदी बढ़ने से भी दूध के दाम बढ़ सकते हैं। ऐसे में इसमें कोई शक नहीं है कि, जल्दी ही दूध की दूसरी कंपनियां भी दूध के दामों में बढ़ोत्तरी कर सकती हैं…
मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में समर्थन मूल्य खरीदी केंद्रों पर हुई गेहूं की तुलाई अभी तक भी शत प्रतिशत नहीं हो सकी है। आपको बता दें कि, करीब दो बार गेहूं खरीदी का लक्ष्य घटाया भी गया, लेकिन इसके बाद भी इस बार टारगेट से सवा लाख मीट्रीक टन कम गेहूं की खरीद हो सकी है। इसकी मुख्य वजह ये है कि खरीदी कराने वाले अधिकारी लोकसभा चुनाव में लगे रहे, और खरीदी पर ध्यान ही नहीं दिया। जिसके चलते जिले में दो महीने में सिर्फ एक लाख 80 हजार मीट्रिक टन ही गेहूं की खरीद हो सकी है और 23 हजार 100 किसान अपनी उपज बेच सके। आधे से ज्यादा किसान केंद्रों पर अपनी उपज नहीं बेच सके। जबकि, समर्थन मूल्य पर गेहूं की फसल बेचने के लिए इस बार 50 हजार से ज्यादा किसानों ने पंजीयन कराए थे। किसानों की पिछले साल की तुलना में दोगुनी पंजीयन संख्या को देखते हुए खाद्य विभाग ने खरीदी केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 69 कर दी थी। लेकिन समय पर खरीदी शुरू ना होने के कारण इस साल हजारों किसान केंद्रों पर फसल नहीं बेच सके। शासन द्वारा समर्थन मूल्य 1840 और बोनस 160 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया था। जिसका फायदा सिर्फ 23100 किसान ही ले सकेंगे।
भारतीय मौसम विभाग ने दक्षिण-पश्चिम मॉनसून केरल के तट पर 6 जून को पहुंचने का पूर्वानुमान जताया है। इसका मतलब है कि मानसून देश में दस्तक देने की तारीख से थोड़ी देरी से पहुंचेगा। हालांकि विभाग ने ये माना है कि उसके अनुमान में 4 दिन की घटत-बढ़त हो सकती है, इसलिए मानसून भारत में 2 जून से 10 जून के बीच किसी भी दिन पहुंच सकता है। वहीं मौसम का पूर्वानुमान जारी करने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट ने 4 जून को मानसून केरल तट पर पहुंचने का अनुमान जताया है। खैर इसी के साथ, मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि, मॉनसून देरी से आने का मतलब बारिश कम होना बिल्कुल नहीं हैं.. जिसके चलते किसानों को निराश होने की बिल्लुल जरूरत नही हैं…
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