October 1, 2023

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Kisan Bulletin 25th July 2019- कृषि यंत्रों पर 80 फीसद की सब्सिडी

Kisan Bulletin 25th July 2019
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Kisan Bulletin 25th July 2019-

  1. बीते मंगलवार से हरियाणा के शाहबाद के किसान सूरजमुखी की फसल की सरकारी खरीद ना होने के विरोध में पानी की टंकी पर चढ़कर विरोध कर रहे हैं। दरअसल, किसानों का आरोप है कि, हरियाणा सरकार ने सूरजमुखी का एक-एक दाना खरीदने की बात कही थी, लेकिन अब सरकार फसल को नहीं खरीद रही है, जिसके विरोध में गुस्साए किसानों ने पानी की टंकी पर चढ़कर विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया आपको बता दें कि, किसान पिछले तीन दिनों से पानी की टंकी पर ही चढ़कर विरोध कर रहे हैं, इतना ही नहीं, रात को भी किसान टंकी पर ही सो गए, और रात में गिरने से बचने के लिए खुदकों ग्रिल से बांधकर सो गए। ये टंकी करीब 60 से 70 फिट ऊंची हैं, हालांकि, ग्रिल के चारो और इतनी जगह है कि, किसी के भी वहां से गिरने का कोई खतरा नहीं है आपको बता दें कि, टंकी पर चढ़ने वाले किसानों में भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश बैंस भी है, जिन्होंने बताया कि, सरकार ने किसानों से पहले तो पोर्टल पर दर्ज कराया कि, किस किसान के पास कितनी फसल हैं, और ये पूरी प्रक्रिया मेरी-फसल-मेरा ब्योरा के तहत की गई। इसके बाद तय हुआ कि किसानों से एक एकड़ में 7 कुंतल 72 किलो सूरजमुखी ली जाएगी। इसके मुताबिक, कुरुक्षेत्र में एक लाख 60 हजार कुंटल के करीब सूरजमुखी खरीदनी थी। हालांकि, सरकार ने खरीद शुरू तो की मगर फिर चार बार खरीद करने के बाद खरीदी बंद कर दी गई। बंद कर दिया गया। इस दौरान केवल 95 हजार कुंतल सूरजमुखी ही खरीदी गई। इसके बाद से ही किसान लगातार मांग कर रहे हैं कि उनकी फसल को खरीदा जाए लेकिन खरीदी शुरू ही नहीं हो रही। जिसको लेकर तकरीबन 20 किसानों ने पानी की टंकी पर चढ़कर विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है इन किसानों का कहना है कि, जब तक सूरजमुखी की खरीद शुरू नहीं होगी वो टंकी से नीचे नहीं आएंगे।
  2. उत्तर प्रदेश के किसान आज यानी की 25 जुलाई से धान खरीदी 2019-2020 के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते है। आपको बता दें कि, इसके लिए किसान खाद्य और रसद विभाग के पोर्टल up.gov.in पर जाकर अपना पंजीकरण करा सकते हैं। इसी के साथ, धान खरीदी का रजिस्ट्रेशन करते समय किसान इन बातों का रखें कि, इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों के पास सीबीएस(CBS) युक्त बैंक खाता होना जरूरी है, अगर किसी किसान के पास सीबीएस बैंक खाता नहीं है तो उसे जल्द ही खुलवा लें। इसके अलावा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करते समय इस बात का ध्यान रखें कि आपने अपना बैंक अकाउंट और ifsc कोड सही भरा हुआ है। आपको बता दें कि, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद सरकार की ओर से किसानो से सीधे धान खरीदी की जाएगी, इससे किसानों को बिचौलियों से छूटकारा मिलेगा। किसान की ओर से किए गए रजिस्ट्रेशन को राजस्व विभाग के भूलेख पोर्टल से लिंक कराया जाएगा। रजिस्ट्रेशन करते समय किसानों को कुल रकबे और बोये गए धान के रकबे को भी अंकित करना जरूरी है। धान विक्रय पर किसानों को कुल 1815 रूपये प्रति कुंतल पर और 1835 रूपये प्रति कुंतल ग्रेड A पर मिलेगा। जो किसान रबी विपण्न 2019-20 के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं उन्हें धान विक्रय के लिए दोबारा रजिस्ट्रेशन कराने की आवश्यकता नहीं है। धान विक्रय के समय किसान भाई अपने साथ पंजीयन प्रपत्र के साथ कम्पयुटराइज्ड खतौनी, फोटो युक्त पहचान पत्र, बैंक के पासबुक की पहले पेज की फोटोकॉपी और आधार कार्ड साथ जरूर लाएं। सरकार ने बुदेलखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में धान की खरीदी की तारीख 1 अक्टूबर 2019 से 31 जनवरी 2020 निर्धारित की है वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश में धान खरीदी की तारीख 1 नवम्बर 2019 से 28 फरवरी 2020 तय की गई है।
  3. आज के महंगाई के दौर में किसानों के लिए अच्छी किस्म की कृषि मशीनरी को खरीदना आसान नहीं है। बहुत कम और सफल किसान ही इन मशीनरियों का खरीदने में सक्षम होते हैं। जबकि, ज्यादातर किसानों के पास इतनी महंगी मशीने खरीदने के लिए पैसे नहीं होते हैं। बस इसीलिए, केंद्र और राज्य सरकारें समय-समय पर कृषि यंत्रों पर सब्सिडी मुहैया कराती रहती है। ताकि जो किसान कीमती कृषि यंत्र खरीदने में सक्षम नहीं है, वो सब्सिडी पर कृषि यंत्र खरीद सकें। इसी के चलते पंजाब सरकार ने किसानों की समस्याओं को देखते हुए कृषि उपकरणों में दी जाने वाली सब्सिडी की आखिरी तारीख बढ़ा दी है. राज्य सरकार ने ये फैसला इसलिए लिया है ताकि हर जिले का किसान इसका फायदा उठाकर उन्नत तरीके से खेती कर सके. जिले के कृषि अधिकारी बलदेव सिंह के अनुसार पंजाब के किसान अब 31 जुलाई तक खेती के उपकरणों में सरकार द्वारा मिल रही सब्सिडी का फायदा ले सकते हैं. उन्होंने बताया कि जीरो ड्रिल, पैडी स्ट्राय, चॉपर, पालायो हाइड्रोलिक, मल्चर और हैपी सीडर जैसे उपकरणों को 50 फीसद की सब्सिडी के अंतर्गत किसानों को दी जा रही है. अगर किसी किसानों को औजार लेना है तो वे सब्सिडी फॉर्म भरें, इसके लिए वे आधार कार्ड, 3 फोटो, टैक्टर की कॉपी, जमाबंदी आदि का ब्यौरा उन्हें देना होगा. गौरतलब है कि बाढ़ प्रभावित जिलों के किसानों के इन उपकरणों को यदि किसी सहकारी या किसान समूहों से प्राप्त किया जाता है तो 80 फीसदी की सब्सिडी का फायदा मिलेगा. हालांकि 8 किसानों का समूह अगर 10 लाख का उपकरण खरिदता है तो उसे 8 लाख रूपए की सब्सिडी मिलेगी. समूह में 2 महिला सामान्य वर्ग की, 2 महिला एससी वर्ग की, 4 सामान्य वर्ग के पुरूष किसान, शामिल होना अनिवार्य है।
  4. मध्य प्रदेश के महू में तीन दिन पहले हुई बारिश की वजह से कई किसानों के घर में रखा प्याज भीग गया। जिसके चलते जहां एक तरफ कई किसान गीले प्याज को बाहर डाल कर सुखा रहे हैं। तो वहीं दूसरी तरफ कई किसानों का गीला प्याज सड़ने के कारण बदबू मार रहा है। किसानों को फिक्र है कि, कहीं सड़ा हुआ प्याज दूसरे प्याज को भी खराब ना कर दे। इसलिए किसान अब अच्छे प्याज को छांट कर अलग रख रहे हैं। जबकि, खराब प्याज फेंकना पड़ रहा है।
  5. हरियाणा के कैथल के कलायत क्षेत्र की माइनरों में पानी न छोड़े जाने को लेकर आस-पास के गांवों के किसानों ने सिंचाई विभाग के खिलाफ रोष प्रकट कर नारेबाजी की। किसानों ने बताया कि कुछ दिनों पहले सिंचाई विभाग द्वारा पानी निरंतर देने के लिए रायसूट लगाने के लिए पैसे जमा करवाए गए है। क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से बरसात न होने के कारण धान, मक्का, ज्वार फसलों में पानी की किल्लत से किसान जूझ रहे है। सिंचाई विभाग द्वारा न्यू कलायत माइनर, धमतान माइनर में पिछले दो दिनों से पानी नहीं छोड़ा जा रहा है। किसानों ने विभागीय अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि हमारे क्षेत्र का पानी विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से कहीं और छोड़ा जा रहा है। अगर समय रहते माइनरों में पानी नहीं छोड़ा गया तो किसान रोड जाम करने को मजबूर होंगे और इसकी जिम्मेवारी प्रशासन की होगी। उन्होंने मुख्यमंत्री से जल्द से जल्द माइनरों में पानी छोडऩे की गुहार लगाई है ।

 

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