October 1, 2023

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Kisan Bulletin 24th May 2019- धान की खेती ना करने पर मिलेंगे 2000 रूपये

Kisan Bulletin 24th May 2019
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Kisan Bulletin 24th May 2019-

जैसा कि, आपको पता ही चल चुका होगा, कि, लोकसभा चुनावों को मतगणना के रूझानों में भाजपा ने बहुमत के साथ जीत हासिल की है.. हालांकि, इसी बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भाजपा की इस जीत को गरीब, किसानों और युवाओ की जीत बताते हुए कहा है कि, ये प्रधानमंत्री मोदी के पांच साल के विकास और मजबूत नेतृत्व में जनता के विश्वास के साथ ही युवा, गरीब और किसान की आशाओं की जीत है। इतना ही नहीं, अमित शाह ने ट्विट कर इस जीत को पूरे भारत की जीत बताया है.. साथ ही, उन्होंने ट्वीट कर सारे भाजपा कार्यकर्ताओं की तरफ से नरेंद्र मोदी को बधाई भी दी. और लिखा कि, देश की जनता ने देश से जातिवाद, परिवारवाद और भ्रष्टाचार को उखाड़फेंककर विकासवाद राष्ट्रवाद को चुना है.. खैर अब आने वाले 5 सालों में भाजपा सरकार देश के किसानों की आय दोगुनी कर पाती है या नहीं ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा….जाहिर है पिछले पांच सालों में जहां भाजपा सरकार ने किसानों के लिए पीएम सम्मान निधि योजना से लेकर अनेकों योजनाओं का शिलान्यास किया है….ऐसे में आने वाले साल में किसानों की आय दोगनी करने और किसानों को बेहतर सुविधाऐं मुहैया कराना सरकार की सबसे बड़ी चुनौती बन सकती है…

हरियाणा सरकार ने धान के ज्यादा उत्पादन करने वाले राज्य में गिरते भूजल-स्तर को देखते हुए, एक खास योजना की तैयारी की है.. आपको बता दें कि, राज्य सरकार की इस योजना के तहत जो किसान धान की फसल को छोड़कर कम पानी की खपत वाली फसलों का उत्पादन करेंगे.. उन्हें राज्य सरकार की तरफ से 2000 रुपए प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता दी जाएगी… और साथ ही, उन किसानों को बीज सहित बाकी फायदे भी दिए जाएंगे, दरअसल, केंद्रीय भूजल बोर्ड के आंकड़े बताते हैं कि कृषि राज्य पंजाब व हरियाणा में तेजी से भूजल स्तर गिरा है। पंजाब के 82 फीसदी और हरियाणा के 76 फीसदी हिस्से में तेजी से भूजल स्तर गिरा है। बोर्ड की हालिया ड्राफ्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि हरियाणा, पंजाब व राजस्थान में भूजल स्तर 300 मीटर तक पहुंचने का अंदेशा है। अगले 20 से 25 साल में भूजल स्तर खत्म होने की संभावना भी जताई गई है। और बस इसी बढ़ते भूजल संकट को देखते हुए हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने पानी के साथ ही अन्य संसाधनों के संरक्षण के लिए जिन क्षेत्रों में धान की खेती सबसे ज्यादा होती है…वहां के किसानों का रूझान धान से हटाने के लिए ये फैसला किया है.. ताकि राज्य में तेजी से गिरते भूजल स्तर को रोका जा सके.. दोस्तो आपको बता दें कि, हरियाणा शायद देश का ऐसा पहला राज्य है, जिसने किसानों को धान की खेती न करने पर इंसेंटिव देने का ऐलान किया है।

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में मौसम की मार ने किसानों के बीच परेशानी का माहौल बना दिया है.. बारिश में किसानों के गेहूं भीगने के साथ ही उनके माथे पर चिंता की लकीरें खींच गई है.. क्योंकि किसानों को भीग हुआ गेहूं संक्रमित हो चुका है.. और उसकी अंकुरण क्षमता पर भी इसका काफी बूरा असर पड़ा है.. ऐसे में जो किसान फसल के लिए अपने ही बीज का इस्तेमाल करते हैं..उनके सामने बड़ी समस्या खड़ी हो चुकी है, आपको बता दे कि, कुछ दिनों पहले हुई बारिश की वजह से खेतों में तैयार खड़ी और कटी हुई फसल भीग चुकी है.. इतना ही नहीं, किसानों की खड़ी फसल तेज हवा और आंधी से बिछ गई थी.. जिसकी कटाई करने में किसानों को समय लगा था.. तो वहीं कटी रखी फसल को सुखाने के लिए भी एक हफ्ते का समय लग गया.. लेकिन उसकी गुणवत्ता में कमी आ गई.. इसी के साथ आपको बता दें कि भीगे गेहूं में 30 फीसद बीज है, जिससे आने वाली फसल के लिए भी संकट पैदा हो गया है। क्योंकि, 50 फीसद से ज्यादा किसान खुदके उत्पादित बीज को ही प्रयोग में लाते हैं, जो अब अंकुरण की स्थिति में नही है। यानि की, अगर किसानों का बीज बांझ हो गया तो उत्पादन का बड़ा संकट पैदा हो सकता है। और साथ ही, किसानों को बाजार से बीज खरीदने को मजबूर होना होगा।

 

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