Kisan Bulletin 17th August- जल्द वैकल्पिक बनेगी फसल बीमा योजना

Kisan Bulletin 17th August-
देश की मोदी सरकार अब फसल बीमा योजना में बड़ा बदलाव करने की तैयारी कर रही है। इसमें बदलाव के तहत कृषि ऋण लेने वाले किसानों के लिए इस योजना को वैकल्पिक बनाया जाएगा। दरअसल, एक जानकारी के अनुसार, ऐसा करने का विचार इसलिए किया जा रहा है। क्योंकि, इसके काम करने में दिक्कत और भुगतान में देरी के चलते किसानों में गुस्सा है, जिसके चलते सरकार ने इस योजना को वैकल्पिक करने का विचार बनाया है। साथ ही, ऐसा करने से कृषि ऋण लेने वाले किसानों की परेशानी भी काफी हद तक दूर होगी। खास तौर पर उन किसानों को इससे राहत मिलेगी जिनके लिए फसल बीमा योजना अनिवार्य है। दरअसल, ऐसे किसानों के प्रीमियम का शेयर खुद-ब-खुद उनकी स्वीकृत ऋण राशि से कट जाता है। तो वहीं अक्सर किसानों को इस योजना के तहत जो मुआवजा मिलता है उसमें देरी होती है। हालांकि, ये योजना उन किसानों के लिए पहले से ही वैकल्पिक है जो किसान ऋण का लाभ नहीं उठाते है। आपको बता दें कि, फसल बीमा योजना की शुरूआत साल 2016 में प्राकृतिक आपदा के चलते खराब होने वाली किसानों की फसलों पर किसान को सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की गई थी।
हरियाणा के पानीपत के चरखी दादरी में बीते रोज ग्रीन कॉरि़डोर 152 डी के लिए आंदोलन कर रहे 17 गांवों के करीब 300 से ज्यादा किसानों ने बीते रोज शहर के लघु सचिवालय का घेराव किया. आपको बता दें की बीते 12 अगस्त को ग्रीन कॉरिडोर 152 डी के मुआवजे के लिए धरना दे रहे किसान धर्मपाल की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. जिसके बाद किसानों ने मृतकों के परिजनों को 1 करोड़ मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की थी. साथ ही मुआवजा मिलने के बाद ही पोस्ट मार्टम कराने और दाह संस्कार की बात किसानों ने की थी. हालांकि पांच दिन बीत जाने के बाद भी पोस्टमार्टम नहीं किया गया. यही वजह है की बीते रोज किसानों ने लघु सचिवालय का घेराव करते हुए कहा की जब तक परिजनों को मुआवजा नहीं मिलता तब तक वो किसान के शव को भी नहीं लेंगे. आपको बता दें की ग्रीन ग्रीन कॉरिडोर 152 डी के लिए जिले के 17 गांव की 680 एकड़ जमीन एनएचएआई ने अधिग्रहण की गई है. हालांकि इसकी मुआवजा राशि बढ़वाने के लिए किसान पिछले 7 महीने से धरने पर बैठे हुए हैं. हालांकि अभी तक सरकार या फिर डीसी की तरफ से किसानों को किसी भी तरह का आश्वासन नहीं दिया गया है. वहीं इस प्रदर्शन के बाद डीसी धर्मबीर सिंह ने किसानों की मांग सरकार को भेज दी हैं और शांति बनाए रखने की अपील की.
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के मिर्जापुर में जहां मानसून की बरसात के बाद किसानों में खुशी दिखाई दे रही है तो वहीं किसानों ने अपने खेतों में उर्वरकों यानि की यूरिया, डीएपी, पोटाश आदि का छिड़काव भी शुरू कर दिया है. इन उर्वरकों की मांग बढ़ने के साथ ही विक्रेता किसानों को यूरिया के साथ जिंक पोषक तत्व का पैकेट खरीदने पर भी मजबूर कर रहे हैं. यही नहीं, किसानों से ये विक्रेता यूरिया के अधिक दाम की भी उगाही कर रहे हैं. तो वहीं दूसरी तरफ कृषि विभाग के अधिकारी ओवररेटिेंग पर चेतावनी देने के बाद से किसान सम्मान निधि समेत अन्य योजनाओं पर व्यस्तता के बहाने इस ओर से आंखें मूंदे हैं. वहीं दूसरी तरफ कलान तहसील के मिर्जापुर और तिलहर तहसील में खुदागंज, जैतीपुर क्षेत्रों के थोक विक्रेताओं ने यूरिया की मांग बढ़ने के साथ स्टॉक डंप करके उसकी कालाबाजारी शुरू कर दी है. आपको बता दें की जिले में उर्वरकों के 25 थोक व 1030 फुटकर विक्रेता हैं. हालांकि इन सभी को रेट लिस्ट में नियत दरों पर यूरिया बेचने के निर्देश जारी किए गए हैं. हालांकि विक्रेता फिर भी कीमतें बढ़ाने से बाज नहीं आ रहे हैं. आपको बता दें की बीते शनिवार तक जो यूरिया 267 रुपये प्रति कट्टा मिल रही थी वही इस शनिवार तक दुकानदारों ने यूरिया रेट को बढ़ाकर 320 रुपये प्रति कट्टा कर दिया है. जिसके चलते किसानों को इस समय काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
Kisan Bulletin 17th August को वीडियो रूप में देखने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें।-
Kisan और खेती से जुड़ी हर खबर देखने के लिए Green TV India को Subscribe करना ना भूले ::
https://www.youtube.com/user/Greentvindia1
Green TV India की Website Visit करें :: http://www.greentvindia.com/