October 1, 2023

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Kisan bulletin 16th March 2019- हर महीने बेर से लाखों की कमाई

Kisan bulletin 16th March 2019
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  1. अगर आपको भी खेती में मुनाफा ना हो तो आप भी अपना तरीका बदल कर अपनी किस्मत को कुछ ही वक्त में बदल सकते हैं। दरअसल, सीकर जिले के किसान भगवान सहाय घायल ने थाइलैंड़ से इजरायली बेर के 600 पौधा मंगवाकर अपने 7 बीघा खेत में लगाया था.. और सिर्फ एक साल के अंदर ही इनके लगाए हुए पौधों पर बेर लगने लगे। एक बेर का वजन करीब सो से डेढ़ सौ ग्राम है, और एक झाड़ी से करीब 20 किलो बेर मिल जाते हैं। यानी रोज एक से 2 क्विटल बेर मंडी में भिजवाएं जा रहे हैं। मंडी में बेर आसानी से 20 से 25 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक जाते हैं। ऐसे में बेर बेचने से पूरे महीने में तकरीबन डेढ़ लाख रुपए की आय हो जाती हैं।
  2. बदलते मौसम ने किसानों को चिंता में डाल दिया है। वीरवार को एक बार फिर आसमान में बादल छाए रहे। दिन में थोड़ी देर के लिए तेज हवाएं भी चलीं। इसके बाद बराड़ा क्षेत्र में करीब तीन बजे हल्की बरसात शुरू हुई जो करीब आधा घंटा से ज्यादा चली। वहीं जिले में दिनभर बादल छाए रहे, जबकि शाम हल्की धूप निकली। बारिश के साथ तापमान में भी गिरावट आई है, तेज बरसात से फसल को नुकसान हो सकता है। यदि मौसम सामान्य रहे तो यह गेहूं के लिए फायदेमंद है। पीला रतुआ एक तरह से फंगस है। जो हवा में फ्लू की तरह फैलता है। यह अधिकतर पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है। उन्होंने बताया कि फिलहाल बराड़ा क्षेत्र में पीला रतुआ नहीं है।
  3. मौसम में हो रहे बार-बार बदलाव से किसान अब धीरे-धीरे खेतों में खड़ी गेहूं फसल की कटाई व मशीनों से उपज निकालने में जुट गए हैं। जैसे-जैसे मौसम गर्म हो रहा है, उतना ही फसल कटाई का काम गति पकड़ रहा है। क्षेत्र में ज्यादातर कर गेहूं की फसल काटी जा चुकी है। किसानों का कहना है कि, मौसमी मिजाज को लेकर कुछ कह पाना जरा मुश्किल हैं, मौसम अपना रूख बार-बार बदल रहा हैं, ये कभी भी खराब हो सकता हैं, इसलिए गेहूं कि कटाई जल्द से जल्द की जा रही है।
  4. रजौआ गांव में चल रही मध्यभारत फैक्ट्री बंद कराने के विरोध में किसानों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है। इस दौरान किसानों का कहना था कि फैक्ट्री के धुएं से हर साल उनकी फसलें खराब हो रहीं हैं। जिसका न तो उन्हें मुआवजा मिलता है और न ही कोई राहत राशि। नतीजा ये है कि, रासायनिक गैसों के प्रदूषण का प्रभाव सीधा उनके जीवन पर पड़ रहा है। पिछले कई सालों से अफसरों से लेकर राष्ट्रपति तक से किसान फैक्ट्री को बंद कराने की मांग की जा चुकी है, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं है। ऐसे में अब सभी किसानों ने मिलकर आज रजौआ मार्ग पर चक्काजाम करने का फैसला किया है, और यदि इसके बाद भी सरकार ने किसानों की नहीं सुनी तो गांव की ओर से लोकसभा चुनावों के मतदान का सामूहिक बहिष्कार किया जाएगा।
  5. भिवानी हरियाणा के रहने वाले किसान अजय बोहरा ऑर्गेनिक खेती से ना सिर्फ एप्पल बेर की अच्छी पैदावार ले रहे है बल्कि ऑर्गेनिक बागवानी में नये आयाम भी स्थापित कर रहे हैं। आपको बता दें कि, ऑर्गेनिक मेथड से एप्पल बेर की बागवानी में खर्च कम आता है. और एप्पल बेर से पहले साल से ही फल मिलने लगता है। साथ ही, दूसरे साल से प्रति पेड़ 50 किलो फल मिल जाता है। यानि की सामान्य बेर की तुलना में ऑर्गेनिक बेर की कीमत दोगुनी होती है।

 

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