October 1, 2023

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Kisan bulletin 16th July 2019- मक्का के बीज पर किसानों को 100% सब्सिडी

Kisan bulletin 16th July 2019
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Kisan bulletin 16th July 2019-

  1. बीते रविवार को बांदा जिले की नरैनी कोतवाली क्षेत्र में एक किसान ने सरकारी कर्ज और साहूकारों के कर्ज से परेशान होकर फांसी लगाकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। आपको बता दें कि, नरैनी कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक दुर्गविजय सिंह ने सोमवार को बताया कि मुगौरा गांव के रहने वाले 62 साल के लाला धोबी सुबह अपने खेत की तरफ शौच के लिए गया था, लेकिन जब काफी देर तक वो वापस नहीं आया तो परिजनों ने उसको ढूंढ़ना शुरू कर दिया। और तब जाकर किसान का शव खेत में लगे बबूल के पेड़ पर लटका मिला। जानकारी के अनुसार, धोबी चार बीघा कृषि भूमि का मालिक था। परिजानों के मुताबिक, धोबी पर किसान क्रेडिट कार्ड के तहत आर्यावर्त बैंक का 70 हजार रुपये का सरकारी कर्ज और गांव के साहूकारों का करीब दो लाख रुपये कर्ज था। हालांकि, पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप कर घटना की सूचना उपजिलाधिकारी को दे दी गयी है। नरैनी तहसील की उपजिलाधिकारी वन्दिता श्रीवास्तव ने लेखपाल से पूरे मामले की रिपोर्ट मंगवाई है। साथ ही, मृतक के परिजनों को सरकारी आर्थिक मदद दिलाने का भी आश्वासन दिया है.. कर्ज के बोझ तले दबा किसान अक्सर आत्महत्या करके खुदकों तो आजाद कर लेता है लेकिन, अपना परिजनों पर उस कर्ज के साथ अपनी मौत का भी बोझ डालकर चला जाता है.. दोस्तों एक बार फिर हम आपसे यही निवेदन करेंगे कि, किसान आत्महत्या या खुदकुशी कभी किसी भी समस्या का समाधान नहीं है.. तो भूलकर भी ये कदम ना उठाए.. समाधान और भी हैं उनको तलाशे ना की कायर बनकर खुदकुशी को गले लगाएं..
  2. बदायूं जिले में जहां एक तरफ किसानों का गन्ना भुगतान नहीं हो पा रहा तो वहीं दूसरी तरफ सिस्टम की लापरवाही के चलते किसानों का गुस्सा फूट पड़ा.. और बीते दिन शासन-प्रशासन हाय हाय करते हुए बड़ी संख्या में किसानों ने सड़क पर लेटकर प्रदर्शन किया.. आपको बता दें कि, काफी देर तक किसान प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते रहे और इसके बाद उन्होंने कलेक्ट्रेट तिराहे पर जाम लगा दिया.. हालांकि, किसानों के प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी प्रदर्शन स्थल पहुंचे और किसानों से बातचीत भी की.. जिसके बाद अधिकारियों ने समस्याओं का समाधान कराए जाने का आश्वासन देकर किसानों को शांत कराया.. वहां मौजूद  किसानों का कहना है कि, किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा है तो सरकारी दफ्तरों में किसानों के साथ सौतेला व्यवहार किया जाता है। साथ ही, यदु शुगर मिल ने साल 2017 से अब तक किसानों के गन्ने का भुगतान नहीं किया है। सरकारी मशीनरी चीनी मिल प्रबंधन को आर्थिक साठगांठ के चलते बचा रहा है। किसानों ने कहा कि वो अपना हक मांगने अगर सरकारी अफसरों के पास जाते हैं तो उनकी एक भी बात नहीं सुनी जाती है, ऐसे में किसानों ने परेशान होकर सड़क पर उतरने का फैसला किया था.. जाहिर है सरकार चाहें कोई भी चीनी मिलों की मनमानी के चलते गन्ना किसानों के सामने हमेशा से ही गन्ने के भुगतान की समस्या देखने को मिलती रही है।
  3. जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा सरकार के आदेशों पर राज्य के कृषि विभाग ने अपनी कोशिशों को और तेज कर दिया है.. आपको बता दें कि, प्रदेश के पानीपत जिले में किसानों को मक्का और ज्वार की पैदावार को बढ़ाने के लिए विभाग को टारगेट दिया गया है. तो वहीं किसानों को खरीफ सीजन की इन दोनो फसलों के बीज पर सरकार की तरफ से 100 फीदसी की सब्सिडी दी जा रही है। जिसके चलते किसानों को काफी राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। जानकारी के अनुसार, पानीपत जिले में करीब 500 हेक्टेयर जमीन पर मक्के के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। और इसी लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार जिले के किसानों को मक्का और ज्वार के बीजो पर 100 प्रतिशत का अनुदान दे रही है। आपको बता दें कि, इसके लिए स्थानीय किसान कृषि बेवसाइट पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाकर निशुल्क बीज को प्राप्त कर सकते है. सबसे पहले किसान विभागीय बेवसाइट पर जाकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाकर 75 फीसद की सब्सिडी पर बिक्री केंद्र से बीज को आसानी से खरीद सकते है. सब्सिडी के हिसाब से किसान को 20 किलोग्राम बीज का 840 रूपये का बैग सिर्फ 210 रूपये के अंदर ही दे दिया जाएगा. हालांकि किसान दो एकड़ खेती के लिए केवल 40 किलोग्राम बीज को ही खरीद सकता है. आपको बता दें कि, किसानों को सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी से काफी फायदा होता है. क्योंकि इस फसल का इंश्योरेंस प्रीमियम सरकार की तरफ से ही भरा जाता है, इसके साथ ही मार्केट में न्यूनतम समर्थन मूल्य के ठीक तरह से निर्धारित हो जाने से किसानों को अपने नुकसान का डर भी नहीं रहता है.
  4. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के किसानों और जिला प्रशासन दोनो के लिए ही अब बेसहारा पशुओं को संभालना चुनौती बन चुका है.. जहां एक तरफ राज्य सरकार की तरफ से दावा किया गया था, कि किसानों को बेसहारा पशुओं से मुक्ति दिलवाई जाएगी लेकिन ज्यादातर पशु अभी भी ऐसे ही धूम रहे है, जो कि, अब किसानों के लिए ही नहीं बल्कि प्रशासन के लिए भी सिरदर्द बनते जा रहे हैं इतना ही नहीं, टैगिंग किए हुए पशुओं को ही गोशाला संचालक रात में बाहर छोड़ रहे है। और अब ये आवारा पशुओं की समस्या किसानों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है।

  5. बिहार के कृषि, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने बीते सोमवार को एक कार्यक्रम में कहा कि राज्य के हर जिले में डेयरी के विकास की संभावनाओं को तलाशा जाएगा और उसके अनुसार डेयरी का विकास कर किसानों और पशुपालकों को पूरा फायदा दिया जाएगा। आपको बता दें कि, बिहार के बने दुग्ध उत्पाद आज देश भर क कई हिस्सों में भेजे जा रहे हैं जिसका सीधा फायदा किसानों और पशुपालकों को मिल रहा है। इतना ही नहीं, कृषि मंत्री ने किसानों के हित में बनी योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि 60 वर्ष से अधिक उम्र के किसानों के लिए 300 रुपये प्रतिमाह पेंशन की योजना बनाई गई है।
  6. मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के किसानों को दो लाख रुपए तक का नकद भुगतान किए जाने के बाद भी किसानों को लहसुन मंडी में व्यापारी 10 दिन में भुगतान कर रहे हैं। जिसके चलते भारतीय किसान संघ ने किसानों की 12 सूत्रीय मांगों को लेकर सोमवार को प्रदर्शन कर एसडीएम एमएल आर्य को ज्ञापन सौंपा। इसमें प्रत्येक किसान का कर्ज माफ कर प्रमाण-पत्र देने, और बैंकों में किसानों के केसीसी खाते चालू कराएं जाने जैसी कई मांगो के बारे में जिक्र किया गया है।

 

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