Kisan Bulletin 11th August- शुरू हुई एक राशन-एक कार्ड योजना

Kisan Bulletin 11th August
Kisan Bulletin 11th August-
- जहां एक तरफ बीते दिन मोदी सरकार ने किसानों के लिए पेंशन योजना का ऐलान किया है, वहीं दूसरी तरफ बीते दिन केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना की शुरुवात एक देश एक राशन कार्ड की भी शुरुवात देश के केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने की है. हालांकि अभी इस समय इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर दो कलस्टर राज्यों आध्रं प्रदेश-तेलगांना और महाराष्ट्र-गुजरात में शुरू किया गया है. यही वजह है कि अब आंध्र प्रदेश के निवासी तेलगांना में और तेलगांना के निवासी आंध्र प्रदेश में किसी भी राशन की दुकान से राशन ले सकते हैं. इसी तरह का नियम गुजरात और महाराष्ट्र में भी लागू किया गया है. हालांकि आपको बता दें कि केंद्र सरकार इस योजना को पूरे भारत में लागू करने वाली है. जिसका लक्ष्य 2020 तक रखा गया है. इस योजना के देश भर में लागू होने से लाभार्थी देश में कहीं भी किसी भी राशन की दुकान से अपने हिस्से का अनाज ले सकेंगे. आपको बता दें कि जून के अंतिम सप्ताह में भी खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ बैठक कर योजना को लागू करने के लिए एक साल का समय दिया था. जाहिर है, इस योजना के लागू होने के बाद यदि कोई गरीब व्यक्ति एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाता है तो उसे राशन मिलने में कोई परेशानी नहीं होगी. साथ ही फर्जी राशन कार्ड पर रोक लगाने में भी मदद मिलेगी.
- देश में जहां एक तरह किसानों को सशक्त बनाने के लिए सरकार अलग अलग योजनाऐं बना रही है. वहीं दूसरी तरफ सरकार देश हित में ऐतिहासिक फैसले ले रही है. आपको बता दें कि करीब सबा करोड़ आबादी वाले जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में इस समय मोदी सरकार मेहरबानी दिखाई दे रही है. क्योंकि पीएम किसान सम्मान निधि योजना के चलते कश्मीर के लगभग आठ लाख परिवारों के बैंक अकाउंट में केंद्र सरकार की तरफ से चार-चार हजार रुपये भेज दिए गए हैं. हालांकि ये पैसा आर्टिकल 370 के संशोधन से पहले ही किसानों के खातों में भेज दिया गया था. गौरतलब है कि, सरकार ने ये पैसा इसलिए भेजा है ताकि वहां के किसान बिना कर्ज लिए खेती-किसानी कर सकें. वहीं विशेषज्ञों की मानें तो धारा 370 में संशोधन होने के बाद अब कश्मीर के विकास में तेजी आ सकेगी. गौरतलब है कि, जम्मू-कश्मीर की करीब 80 फीसदी जनसंख्या कृषि पर निर्भर है. जिसमें केसर की खेती सबसे ज्यादा मशहूर है. सेब के बागान हैं. इसके अलावा धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, दलहन, कपास, तंबाकू, गेहूं व जौ भी पैदा किया जाता है. यहां बड़े पैमाने पर फूलों की खेती होती. लद्दाख में चने की खेती होती है. प्रधानमंत्री ने आर्टिकल 370 में संशोधन के बाद राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा है कि सभी योजनाओं का लाभ जम्मू-कश्मीर के लोगों को मिलेगा. इस संदेश से पहले ही उनकी सरकार वहां के किसानों को काफी पैसा जारी कर चुकी है.
- नासिक में पिछले दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के बाद गोदावरी नदी पूरे उफान पर है. नदी में बाढ़ आने के चलते नासिक के सायखेडा और चांदोरी गांव में फसल बर्बाद हो गई हैं इतना ही नहीं, सायखेडा और चांदोरी गांव के खेतों में पानी घुस गया है. जिसके चलते बाढ़ के पानी से फसलों को काफी नुकसान हुआ है. ग्रामीणों ने फसलों के नुकसान का आंकलन करके भरपाई की मांग की है. आपको बता दें कि, इन किसानों की सोयाबीन, अरहर, गन्ना, मक्के की फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। किसान अब सरकार से जल्द मदद की उम्मीद लगाए हुए हैं. ऐसे में किसानों का कहना है की फसल में उनको हजारों रुपए का नुकसान होता है, लेकिन सरकार की तरफ से काफी कम मुआवजा मिलता है। तो वहीं किसानों के अंगूर के बाग में भी बाढ़ का पानी घुस गया है. बारिश के चलते पूरी तरह बर्बाद हो चुके अब सरकारी की तरफ मदद की आस में नजरें टिकाएं बैठे है. जाहिर है कि, कभी बारिश तो कभी ओलावृष्टि के चलते किसानों को अपनी फसलों को बर्बाद होते देखना पड़ता हैं, महीनों की मेहनत एक बारिश मकी पानी में मिल जाती है। जहां किसान लाखों की लागत के साथ खेती करते हैं, वहीं जब उनकी फसलें खराब होती हैं, तो सरकार उन्हें बस 6-7 हजार रूपये का मुआवजा देकर टरका देती है।
- उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में थाना क्षेत्र के गांव गुरदासपुर में करंट की चपेट में आकर एक किसान की मौत हो गई। किसान यूनियन ने मृतक के परिजनों को 20 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की है। और मुआवजा न मिलने की सूरत में किसान यूनियन ने प्रशासन के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी है।
- उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले की संडीला कोतवाली क्षेत्र में एक किसान की रोटावेटर में फसकर मौके पर मौत हो गई। किसान खेत के किनारे मेड़ पर खड़ा था और ट्रैक्टर अनियंत्रित हो गया। जिससे किसान उसकी चपेट में आ गया।
- उत्तर प्रदेश के मेरठ के शिकारपुर तहसील में कार्यरत सहायक चकबंदी अधिकारी का एक किसान से 18 हजार रुपए रिश्वत लेने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। आरोप है कि, अधिकारी ने चकबंदी के नाम पर किसान से रूपए वसूले हैं। पीड़ित किसान ने वीडियो बना वायरल कर दिया और आरोपी सहायक चकबंदी अधिकारी के खिलाफ शिकारपुर कोतवाली में तहरीर दी। लेकिन अभी तक पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया गया है।
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