October 2, 2023

Grameen News

True Voice Of Rural India

शूटर दादियों की कहानी को बड़े पर्दे पर दिखाएंगे अनुराग कश्यप

शूटर दादियों
Sharing is Caring!

शूटिंग के बारे में हम सब जानते हैं… शूटिंग करना कोई बच्चों का खेल नही हैं… शूटर बनने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती हैं… लेकिन इन दिनों उत्तर प्रदेश की शूटर दादियो का नाम बहुत सुनने के लिए मिल रहा हैं.. जी हां… इन शूटर दादियों पर एक फिल्म बनने जा रही हैं जिसका नाम वुमनिया हैं… इस फिल्म में शूटर दादियां तो खुद का ही किरदार निभाएगी लेकिन इनकी बेटियों का किरदार तापसी पन्नु और भूमि पेडनेकर निभाएंगी…

युवा पीढ़ी को प्रेरणा देने वाली शूटर दादियों प्रकाशी और चंद्रो की सफलता की कहानी अब दुनिया बड़े पर्दे पर देखेगा।  आपस में देवरानी-जेठानी का रिश्ता रखने वाली शूटर दादियों पर बनने वाली इस फिल्म की तैयारियां वेस्ट मेरठ, बागपत में शुरू हो गई हैं। फिल्म में दादी अपना किरदार खुद ही जिएंगी… फिल्म में महिला सशक्तीकरण का पूरा पैकेज होगा…

ये तो है इस फिल्म की बात… हम आपको आज शुटर दादियों के बारे में बता रहे हैं… महिला होने के बावजुद शुटर बनना वो भी एक छोटे से गांव से.. यह सुना आसान हैं लेकिन कितना मुश्किल हैं यह प्रकाशी और चंद्रो ही जानती हैं… बयासी साल की चंद्रों तोमर भले ही उम्र के 80वें दशक में हों, लेकिन इनके कारनामें जानकर आप भी कहेंगे -शाबाश इंडिया।

6 बच्चों और 15 पोते-पोती वाली ये दादी रिवाल्वर चलाने में माहिर हैं… इन्होंने शूटिंग में 25 नेशनल चैंपयिनशिप जीतें हैं। उत्तर प्रदेश के बागपत जिले की जोहरी गांव की रहने वाली इस दादी को ‘शूटर दादी’ भी कहा जाता है… ये दुनिया की सबसे ज्यादा उम्र की शूटर हैं… इस उम्र में भी वह बिल्कुल सटीक निशाना लगाती हैं… पहली बार चंद्रों ने निशानेबाजी की प्रेक्टिस 65 साल की उम्र में शुरू की थी… इन्होंने ये साबित किया कि कुछ नया करने के लिए उम्र नहीं देखी जाती…

उम्र और निशानेबाजी के इस तालमेल को लेकर चंद्रों का कहना है कि निशानेबाजी से उनकी उम्र का कोई ताल्लूक नहीं है… वो कहती हैं कि अगर आप में हिम्मत है तो आप किसी भी उम्र में कुछ भी कर सकते हैं।

इनके निशानेबाज बनने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। दरअसल, साल 2001 में चंद्रों अपनी पोती को गांव की ही शूटिंग रेंज में शूटिंग सिखाने जाती थी। एक दिन पोती ने कहा कि दादी आप भी निशाना लगा कर देखो। चंद्रों ने 2-3 निशाने एक दम सही लगाए। जब राइफल क्लब के कोच ने दादी को यू शूटिंग करते देखा तो वह दंग रह गए। इसके बाद उन्होंने शूटर दादी को शूटर बनने की ट्रेनिंग दी।

सटीक निशाने लगाने के बाद दादी ने निशानेबाजी में ध्यान देना शुरू किया। देखते ही देखते उन्होंने कई प्रतियोगिताओं में भी भाग लिया और साथ ही कई पदक भी जीते।

इसी बीच शूटर दादी को समाज के कई तानें भी सुनने पड़े। गांव वाले उनका मजाक उड़ाते थे और कहते थे कि बुढ़िया इस उम्र मे कारगिल जाएगी क्या?…. लेकिन उन्होंने किसी की बातों पर ध्यान नहीं दिया। आज सारी दुनिया उनके इस फैसले की नतीजा देख रही है…. उनका लक्ष्य हमेशा शूटिंग ही रहा है। वह 25 मी. तक का निशाना लगा चुकी हैं।

इन पर बन रही हैं फिल्म में दादी प्रकाशी, चंद्रो और शूटर सीमा तोमर की जिंदगी के साथ ही वेस्ट यूपी की समूची झलक दिखाई जाएगी। खेल जगत में महिलाओं के सामने आने वाली परेशानियों को भी दिखाया जाएगा… वेस्ट यूपी के लहलहाते खेत-खलियान, पहलवान, कोल्हू में बनता गुड़, गन्ने की राजनीति जैसे पहलुओं को भी फिल्म छूती हुई चलेगी…. वेस्ट यूपी में प्रचलित रागिनी को फिल्म में स्पेस रखा गया है। दोनों दादियां इससे पहले कई रियलिटी शो में नजर आ चुकी हैं।

 

Grameen News के खबरों को Video रूप मे देखने के लिए ग्रामीण न्यूज़ के YouTube Channel को Subscribe करना ना भूले  ::

https://www.youtube.com/channel/UCPoP0VzRh0g50ZqDMGqv7OQ

Kisan और खेती से जुड़ी हर खबर देखने के लिए Green TV India को Subscribe करना ना भूले ::

https://www.youtube.com/user/Greentvindia1

Green TV India की Website Visit करें :: http://www.greentvindia.com/

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © Rural News Network Pvt Ltd | Newsphere by AF themes.