बिहार के किसानों को ख़ुशहाल ही नहीं मालामाल भी बना रही है मक्का की फ़सल

बिहार के किसानों को ख़ुशहाल ही नहीं मालामाल भी बना रही है मक्का की फ़सल खरीफ ऋतु की फसल मक्का इन दिनों बिहार के कटिहार जिले के फलका प्रखंड क्षेत्र के किसानों को खुशहाल ही नहीं बल्कि मालामाल भी बना रही हैं। जंहा पहले केले की खेती किसान परंपरागत रुप से करते थे। तो वंही आज यहां मक्के की फसल हर तरफ लहलाह रही हैं। जिसका उत्पादन भारत ही नही बल्कि विदेशों में भी हो रहा हैं।
बता दें यहां की कुल भूमि के तीन तिहाई हिस्से में मक्के की फसल की खेती की जाती हैं। मुख्यत मक्के की फसल साल में दों बार लगाई जाती हैं। मगर बड़े पैमाने पर अक्टूबर से अप्रैल के महिने के बीच ही इसकी खेती की जाती हैं।अक्टूबर में इस फसल की बुआई शुरु होती हैं और अप्रैल में इसकी कटाई होती हैं।
अगर बात करे पैदावार की तो एक एकड़ में 35 से 40 क्विंटल तक मकई फसल की पैदावार की जा सकती हैं। किसानों कि माने तो आज खाद – बीज की बढ़ीती किम्मतों के कारण फसल को बोने में लागत अधिक लग रही हैं। मगर फसल बुआई में ज्यादा लागत होने के बावजूद भी यहां के किसान बडे पैमाने में मक्के की खेती कर रहें हैं। जिससे आज मक्के की खेती से एक एकड़ भूमि में महज छह महीनें में 15 से 20 हजार रुपये का मुनाफा किसान आसानी से कमा रहें हैं।