जैविक खेती प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कर किसानों को दी जानकारी

कृषि रसायनो के बढ़ते इस्तेमाल से खेती की भूमि के नुकसान को देखते हुए सरकार जैविक खेती को बढ़ावा दे रही है। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई योजनाओं पर काम भी कर रही है. जिसके चलते किसानों को भी जागरूक किया जा रहा है. इसी दिशा में मध्य प्रदेश सरकार भी किसानों को जैविक खेती से अवगत करा रही है. इसी के चलते राज्य के जिला इंदौर में किसानों के लिए जैविक खेती प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम जलशक्ति अभियान के तहत जैविक खेती को बढ़ावा देने हेतु आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में काफी किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम में भाग ले रहे किसानों ने जैविक खेती के फायदे एवं आवश्यकताओं को समझा। कार्यक्रम में कृषि महाविद्यालय इंदौर के डॉ. हरिसिंह ठाकुर ने बताया कि पहले रासायनिक उर्वरकों व दवाइयों के उपयोग के बिना किसान जैविक खेती करते थे, परंतु इस समय उत्पादन वृद्धि हेतु किसानों द्वारा रासायनिक उर्वरको एवं कीटनाशकों का खेती में प्रयोग किया जा रहा है। जिससे जमीन की उर्वरा शक्ति नष्ट हो रही है किसान यह सब अधिक उत्पादन के लालच में कर रहा है, अधिक रासायनिक दवाओं और उर्वरकों का इस्तेमाल करके किसान खेत की सेहत को नुकसान पहुंचा रहे हैं. इस नुकसान से बचने के लिए किसानों को जैविक खेती को अपनाना चाहिए. जैविक खेती से मिटटी की उर्वरा शक्ति बरक़रार रहती है इसी के साथ किसानों को फसल उत्पादन भी अच्छा मिलता है। जैविक खेती को अपनाकर किसान जमीन की उर्वरा शक्ति को कैसे बनाए रखे और कैसे अधिक उत्पादन प्राप्त करे एवं किस प्रकार जैविक खाद तैयार करके इसको खेतों में इस्तेमाल करे इसके विषय में विस्तृत रूप से कृषकों से चर्चा की गई है।
जैविक खेती से प्राप्त उत्पादों का उपयोग किस प्रकार स्वास्थ्य के अनुकूल रहता है, इसकी जानकारी बताई गई। इसी श्रृंखला में कृषि विभाग से आत्मा परियोजना संचालक सरली थॉमस द्वारा कृषि विभाग से जैविक खेती के अंतर्गत संचालित योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही जैन इरिगेशन कम्पनी जलगांव (महाराष्ट्र) से आये वरिष्ट वैज्ञानिक मुरली अय्यर के द्वारा बताया गया कि उद्यानिकी फसलों से उत्पादन को बढ़ाने के लिये नवीन तकनीकी ड्रिप, स्प्रिंकलर, प्लास्टिक मल्चिंग आदि का किस तरह बेहतर उपयोग किया जा सकता है इस कार्यक्रम में ग्राम कनाड़िया के सफल किसान विष्णुसिंह ठाकुर द्वारा कृषकों को जैविक खेती के लिये प्रेरित करने का कार्य किया गया। उप संचालक उद्यान विभाग त्रिलोकचंद्र वास्कले द्वारा उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी एस.के. कुलश्रेष्ठ तथा ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी मनोज कुमार यादव, सौरभ व्यास एवं दीपिका मुजाल्दे द्वारा आवश्यक जानकारी दी गई। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल आयोजन वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी विकासखंड शक्ति सिंह शक्तावत द्वारा किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम उपरांत जैविक खेती करने हेतु 20 किसानों द्वारा उद्यानिकी विभाग से संचालित योजना के तहत नए अमरूद को दोबारा से जैविक बनाने हेतु अनुमति दी गयी.
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