अब किसानों को अरहर के साथ मिलेगी लाख, होगा दोगुना मुनाफ़ा

अब किसानों को अरहर के साथ मिलेगी लाख, होगा दोगुना मुनाफ़ा
तकनीक ने आज भारतीय कृषि का रुप ही बदल दिया हैं। कृषि एक ऐसा क्षेत्र हैं जिस पर पूरी मानव जाति आश्रित हैं और नई तकनीकों ने देश की कृषि को नई ऊंचाइयों पर ला खड़ा कर दिया हैं। जिसने कृषि की परिभाषा को ही बदल दिया हैं। जबलपुर के जवाहरलाल नेहरु कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिको ने अब अरहर की खेती को नई तकनीक की मदद से और भी आसान बना दिया हैं। जो कि किसानों को दोगुना लाभ देगी, जिसमें उन्हें अरहर तो मिलेगी ही साथ ही लाख भी मिलेगा और सामान्य पैदावार से चार गुणा पैदावार होगा।
विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक प्रो. मोनी थामस की माने तो आज कृषि के लिए जमीन सीमित होती जा रही हैं। सीमित जमीन और साधनो को ध्यान में रखकर वैज्ञानिको ने ऐसी तकनीक खोज निकाली हैं। जिसमें कि वैज्ञानिको ने एक बोरी में 20 किलो मिट्टी का स्पेशल ट्रीटमेंट कर करीब आधा एकड़ में 200 अरहर के पौधे लगाए गए हैं साथ ही इनमें लाख पैदा करने के लिए 20 लाख कीट भी छोड़े गए हैं। ये कीड़े, पौधों को नुकसान पहुंचाने की बजाए, उन्हें लाख दे रहे हैं इस तकनीक से खेती करने पर एक पौधे से 2 किलो अरहर, 600 ग्राम लाख और तकरीबन 5 किलो जलाऊ लकड़ी मिलेगी। फसल 10 महीने में तैयार होगी, जबकि साधारण तरीके की खेती में सिर्फ 500 ग्राम अरहर व जलाऊ लकड़ी मिलती है। लाख का उपयोग औषधि, खाद्य प्रसंस्करण, सौंदर्य प्रसाधन, सूक्ष्म रसायन एवं सुगंध उद्योग में होता है और बाजार में लाख 110 रुपए प्रति किलो बिकती है। मतलब अब किसान अरहर की पैदावार के साथ साथ लाख का उत्पादन कर लाभ भी कमा सकते हैं।